कांवड़ यात्रा में लाइसेंस सिस्टम पर बोले असदुद्दीन ओवैसी
- उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान बिना लाइसेंस वाले दुकानों को बंद करने की बात उठ रही है.
- इस मुद्दे पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार और प्रशासन पर तीखा हमला किया.
- ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद यूपी सरकार कार्रवाई नहीं कर रही.
- उन्होंने प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए अराजकता फैलाने वाले तत्वों की आलोचना की.
कांवड़ यात्रा के दौरान एक फिर उत्तर प्रदेश में उन दुकानों को बंद कराने की खबरें आ रही हैं, जिनके पास नाम और लाइसेंस नहीं हैं. बीते वर्षों की तरह इस बार भी इस मुद्दे ने राजनीतिक रूप ले लिया है. इस मुद्दे पर जब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से सवाल किया गया तो उन्होंने सख्त लहजे में बीजेपी सरकार पर हमला बोला. ओवैसी ने कहा, 'ये अफसोस की बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल साफ तौर पर निर्देश दिए थे, फिर भी यूपी सरकार ऐसे विजिलेंटे ग्रुप्स को खुली छूट दे रही है. आखिर इनको रोका क्यों नहीं जा रहा?'
उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ऐसे फैसलों पर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी, लेकिन इसके बावजूद ऐसा रवैया है, जो कि प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल है.
अरे, वो होते कौन हैं पूछने वाले?
ओवैसी ने दावा किया कि पहले कांवड़ यात्रा पूरी तरह शांतिपूर्ण होती थी, लोग श्रद्धालुओं का स्वागत करते थे, चाहे वे किसी भी धर्म के क्यों न हों. लेकिन अब कुछ तत्व संगठित होकर यात्रा के बहाने अराजकता फैला रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'मुजफ्फरनगर में बाईपास के पास पहले ऐसी कोई दिक्कत नहीं होती थी. अब कोई ग्रुप बनाकर होटल वालों से आधार कार्ड मांगा जाता है. अरे तुम कौन होते हो पूछने वाले? न तुम एसपी हो, न आरडीओ, न एसडीएम.'
'चाहे वो गोपाल हो या कोई और...'
उन्होंने एक मामले का हवाला देते हुए कहा कि एक युवक से आधार कार्ड मांगने के बाद जब उसने नहीं दिखाया, तो उसका कपड़ा उतार दिया गया. बाद में पता चला कि उसका नाम गोपाल था. ओवैसी ने कहा, 'चाहे वो गोपाल हो या कोई और, किसी को ये अधिकार नहीं कि वो इस तरह की गुंडागर्दी करे.'
'क्या उन्हें बुलडोजर का डर दिखाया जाएगा?'
ओवैसी ने सवाल उठाया कि पुलिस ने भले ही नोटिस दिया हो, लेकिन क्या वह इन लोगों को गिरफ्तार करेगी? क्या बुलडोजर का डर दिखाया जाएगा? उन्होंने कहा, 'अगर सरकार की नीयत कमजोर है तो ये लोग खुद को सत्ता के संरक्षित मानकर जो चाहें करेंगे.'
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की अराजकता सिर्फ कांवड़ यात्रा की छवि को ही नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचा रही है.
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