कोरोना वायरस के चलते किए लॉकडाउन के बाद मुंबई में सेक्स वर्करों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में एक सेक्स वर्कर ने बताया कि उसे राशन तक नहीं मिल पा रहा है. एनजीओ की ओर से जो भी खाना दिया जा रहा है उसी से काम चल रहा है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में गरीब तबके को मिलने वाले सरकारी अनाज को लेकर थोड़ा भ्रम की स्थिति बन गई है. दरसअल ऐसे भी आरोप लग रहे हैं कि शायद कहा जा रहा है कि पहले पीडीएस के तहत आने वाले लोग राशन खरीदें उसके बाद ही केंद्र सरकार की ओर से आने वाल मुफ्त राशन दिया जाएगा.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि खाद्यान्न वितरण को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी दो अलग-अलग आदेशों से सार्वजनिक वितरण(पीडीएस) वाली दुकानों के मालिकों और लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. महाराष्ट्र के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने पिछले सप्ताह कहा था कि सभी राशन कार्ड धारकों को एक बार में ही अगले तीन महीने का खाद्यान्न आपूर्ति की अनुमति दी जाएगी. सरकार ने बाद में इसमें आने वाली समस्यायों का हवाला दते हुए इस फैसले को बदल कर दूसरा आदेश दिया.
फडणवीस ने ट्वीट किया, 'राज्य सरकार द्वारा जारी दो अलग-अलग आदेशों के कारण राशन दुकान मालिकों के बीच भारी भ्रम पैदा हो गया है और लोगों को असुविधा हो रही है' उन्होंने कहा, 'एक आदेश में तीन महीने के लिए राशन देने के लिए कहा गया और दूसरे में मासिक आधार पर खाद्यान्न वितरण की बात कही जा रही है.' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने स्पष्ट रूप से कहा है कि लोगों को एक बार में ही तीन महीने का राशन मुफ्त में मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, 'मेरा महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध है कि वे इस भ्रम को दूर करें' (इनपुट : भाषा)
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