गाजियाबाद:
देश की राजधानी दिल्ली से सटे नगर गाजियाबाद के एक थाने में सरेआम पुलिस की दादागिरी का नजारा देखने को मिला, जब एक दारोगा ने कैमरे के सामने एक युवती को थप्पड़ जड़ दिया। इसके अलावा थाने में मौजूद अन्य लोगों ने भी लड़की से मारपीट की, जबकि पुलिसवाले खड़े देखते रहे।
पुलिस के मुताबिक, सोमवार देर शाम यह लड़की, जो गोवा की रहने वाली है, अपने दिल्ली में रहने वाले एक दोस्त के साथ सड़क किनारे खड़ी की गई कार में बैठकर शराब पी रही थी, और जब वहां के रहने वालों ने इस बात पर आपत्ति जताई तो उसने बदतमीज़ी और गाली-गलौज की। इसके बाद उन्हीं लोगों ने पुलिस को इत्तिला दी, और दोनों को पकड़कर साहिबाबाद थाने ले आए।
लड़की का आरोप है, "पुलिसवालों ने गंदी भाषा का इस्तेमाल किया, और मुझे गालियां दीं... मैंने उसके बाद बहस की... अगर कोई किसी को लगातार गालियां देता रहेगा, तो उसे विरोध करने का अधिकार है..."
थाना प्रभारी के अनुसार, "पब्लिक ने ही उन्हें देखा और घेरा था, तब इन लोगों (युवती और उसका मित्र) ने बदतमीज़ी और गाली-गलौज की... वहां माहौल बिगड़ गया था, इसलिए दोनों को थाने लाया गया... दोनों अब भी नशे में हैं, और हम जांच करवाएंगे..."
उधर, लड़की के अनुसार, थाने में न सिर्फ एक पुलिसवाले ने उसे मारा, बल्कि उन लोगों (पुलिस) ने लड़की को पकड़कर लाने वाले लोगों को भी प्रोत्साहित किया कि वे लड़की को पीटें। उपलब्ध वीडियो में पुलिसवाले के अतिरिक्त एक महिला भी लड़की को थप्पड़ मारती दिखाई दे रही है।
वैसे यह मामला सिर्फ एक महिला के साथ पुलिस की बदसलूकी का नहीं, बल्कि कोर्ट के उस आदेश की अनदेखी करने का भी है, जिसके मुताबिक पुलिस किसी भी महिला को सूरज ढलने के बाद गिरफ्तार नहीं कर सकती है, और पुरुष पुलिसकर्मी तो उसे हाथ भी नहीं लगा सकता है।
हालांकि लड़की और उसके मित्र को रात में ही जमानत पर रिहा कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि पिछले ही माह एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को निलंबित किया गया था, क्योंकि उसने दिल्ली में पांच-वर्षीय बच्ची से बलात्कार की घटना का विरोध कर रही 17-वर्षीय एक लड़की कैमरे की मौजूदगी में थप्पड़ मारा था।
पुलिस के मुताबिक, सोमवार देर शाम यह लड़की, जो गोवा की रहने वाली है, अपने दिल्ली में रहने वाले एक दोस्त के साथ सड़क किनारे खड़ी की गई कार में बैठकर शराब पी रही थी, और जब वहां के रहने वालों ने इस बात पर आपत्ति जताई तो उसने बदतमीज़ी और गाली-गलौज की। इसके बाद उन्हीं लोगों ने पुलिस को इत्तिला दी, और दोनों को पकड़कर साहिबाबाद थाने ले आए।
लड़की का आरोप है, "पुलिसवालों ने गंदी भाषा का इस्तेमाल किया, और मुझे गालियां दीं... मैंने उसके बाद बहस की... अगर कोई किसी को लगातार गालियां देता रहेगा, तो उसे विरोध करने का अधिकार है..."
थाना प्रभारी के अनुसार, "पब्लिक ने ही उन्हें देखा और घेरा था, तब इन लोगों (युवती और उसका मित्र) ने बदतमीज़ी और गाली-गलौज की... वहां माहौल बिगड़ गया था, इसलिए दोनों को थाने लाया गया... दोनों अब भी नशे में हैं, और हम जांच करवाएंगे..."
उधर, लड़की के अनुसार, थाने में न सिर्फ एक पुलिसवाले ने उसे मारा, बल्कि उन लोगों (पुलिस) ने लड़की को पकड़कर लाने वाले लोगों को भी प्रोत्साहित किया कि वे लड़की को पीटें। उपलब्ध वीडियो में पुलिसवाले के अतिरिक्त एक महिला भी लड़की को थप्पड़ मारती दिखाई दे रही है।
वैसे यह मामला सिर्फ एक महिला के साथ पुलिस की बदसलूकी का नहीं, बल्कि कोर्ट के उस आदेश की अनदेखी करने का भी है, जिसके मुताबिक पुलिस किसी भी महिला को सूरज ढलने के बाद गिरफ्तार नहीं कर सकती है, और पुरुष पुलिसकर्मी तो उसे हाथ भी नहीं लगा सकता है।
हालांकि लड़की और उसके मित्र को रात में ही जमानत पर रिहा कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि पिछले ही माह एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को निलंबित किया गया था, क्योंकि उसने दिल्ली में पांच-वर्षीय बच्ची से बलात्कार की घटना का विरोध कर रही 17-वर्षीय एक लड़की कैमरे की मौजूदगी में थप्पड़ मारा था।
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