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This Article is From Sep 01, 2015

मजदूरों के लिए अब आसान होगा इलाज, 10 लाख रुपये तक कैशलेस की सुविधा

मजदूरों के लिए अब आसान होगा इलाज, 10 लाख रुपये तक कैशलेस की सुविधा
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: दिहाड़ी मजदूरों के लिए 10 लाख रुपये के कैशलेस इलाज की बात मौजूदा व्यवस्था में लगभग नामुमकिन लगती है, लेकिन यह पहल कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने की है। निगम का इरादा कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले देश भर के मजदूरों को इस योजना से जोड़ने का है।

इमारतें बनाने वाले दिहाड़ी मजदूरों के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम का यह एक बड़ा कदम है। मजदूरों को अब 10 लाख रुपये के कैशलेस कार्ड मिलने वाले हैं। पश्चिम बंगाल से दिल्ली में आकर दिहाड़ी मजदूर का काम करने वाले बाबुल कहते हैं कि 'सर अब हमारा घर या जमीन इलाज के नाम पर नहीं बिकेगा।' बिहार के भागपुर से आए सुरेश ने आपबीती बताई कि 'मां बीमार पड़ी थी तो 2 लाख रुपये इलाज में खर्च किए, आज भी चुका रहे हैं।'

स्मार्ट कार्ड बन जाने के बाद किसी बीमारी की हालत में मजदूरों का दस लाख तक का इलाज मुफ्त होगा। सरकारी कर्मचारियों के पैनल वाले अस्पतालों में तो इलाज जितना भी महंगा हो, वह मुफ्त में होगा। यही नहीं, मजदूरों के परिवारों को भी दस-दस लाख रुपये की मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। मजदूरों की सैलरी से पैसे काटकर जमा करने की जिम्मेदारी कंपनी की होगी। एक भी प्रीमियम अदा करने के बाद अगले नौ महीनों तक मजदूरों को इस कार्ड का फायदा मिलेगा। नौकरी के पहले दिन से ही कार्ड के फायदे मिलने शुरू हो जाएंगे।

उधर, ईएसआईसी के एडिशनल कमिश्नर रेवेन्यू एंड पीआर अरुण कुमार कहते हैं कि 'हर जोन सर्वे करने में जुटा है और देशभर की कंस्ट्रक्शन साइटों पर काम करने वाले मजदूरों को दिसंबर तक जोड़ने का टारगेट है। अगर कोई कंपनी ऐसे मजदूरों को नहीं जोड़ती तो हमारे पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने के भी अधिकार हैं।'

बीमा निगम ने कंस्ट्रक्शन से जुड़ी देश भर की कंपनियों को चिट्ठी भेजी है कि वे जल्दी से जल्दी अपने कर्मचारियों को इस कार्ड से जोड़ें, नहीं तो कार्रवाई होगी।

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