विज्ञापन
This Article is From Jul 05, 2023

माइक्रॉन के सेमी-कन्डक्टर असेम्बली प्लान्ट का निर्माण अगस्त में शुरू होगा, उत्पादन 2024 के अंत में : रिपोर्ट

माइक्रॉन ने कहा था कि वह इस प्लान्ट में 82.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक का निवेश करेगी. इसके अलावा, भारत सरकार और गुजरात सरकार के समर्थन से प्लान्ट के लिए कुल निवेश 2.75 अरब अमेरिकी डॉलर का होगा. प्लान्ट का निर्माण गुजरात के अहमदाबाद शहर के पास साणंद में किया जाएगा.

माइक्रॉन के सेमी-कन्डक्टर असेम्बली प्लान्ट का निर्माण अगस्त में शुरू होगा, उत्पादन 2024 के अंत में : रिपोर्ट
माइक्रॉन ने पिछले माह भारत में सेमी-कन्डक्टर प्लान्ट बनाने के लिए सरकार के साथ सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे...
नई दिल्ली:

भारत सरकार देश के पहले सेमी-कन्डक्टर असेम्बली प्लान्ट का शिलान्यास अगले माह कर देगी, और वर्ष 2024 के अंत तक पहली बार घरेलू स्तर पर निर्मित माइक्रोचिप का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा. यह जानकारी बुधवार को समाचारपत्र 'फाइनेंशियल टाइम्स' ने दी.

समाचार एजेंसी रॉयटर की एक ख़बर के मुताबिक, 'फाइनेंशियल टाइम्स' ने बताया कि केंद्रीय IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि माइक्रॉन टेक्नोलॉजी इसी साल अगस्त में गुजरात में 2.75 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाले चिप असेम्बली प्लान्ट का निर्माण शुरू कर देगी.

गौरतलब है कि माइक्रॉन ने पिछले ही महीने भारत में अपनी पहली फैक्टरी, यानी सेमी-कन्डक्टर प्लान्ट बनाने के लिए भारत सरकार के साथ सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.

पिछले ही सप्ताह माइक्रॉन ने कहा था कि वह इस प्लान्ट में 82.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक का निवेश करेगी. इसके अलावा, भारत सरकार और गुजरात सरकार के समर्थन से प्लान्ट के लिए कुल निवेश 2.75 अरब अमेरिकी डॉलर का होगा. प्लान्ट का निर्माण गुजरात के अहमदाबाद शहर के पास साणंद में किया जाएगा.

माइक्रॉन के अनुसार, गुजरात में नए प्लान्ट का निर्माण 2023 में शुरू होने की उम्मीद है और परियोजना का पहला चरण 2024 के अंत में चालू होगा. परियोजना का दूसरा चरण दशक के दूसरे भाग में शुरू होने की उम्मीद है. दोनों चरणों में कुल मिलाकर माइक्रॉन में 5,000 नए रोज़गार पैदा होंगे.

रॉयटर के अनुसार, अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों ने पिछले ही माह बताया था कि माइक्रॉन टेक्नोलॉजी की यह योजना तब सामने आई है, जब व्हाइट हाउस अमेरिकी चिप कंपनियों पर भारत में निवेश करने के लिए दबाव डाल रहा है और संभावित निवेश के बारे में बातचीत चल रही है.

एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन चाहते हैं कि घरेलू कंपनियां चीन में व्यापार करने के जोखिमों को कम करें, और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ जोड़ें.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com