स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए आंदोलनकारी डॉक्टरों से व्यापक जनहित में अपने काम पर लौटने का अनुरोध किया है. 26 राज्य पहले ही अपने-अपने राज्य में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून पारित कर चुके हैं. डॉक्टरों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के मद्देनजर, मंत्रालय ने उन्हें सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संभावित उपाय सुझाने के लिए एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया है. राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों के प्रतिनिधियों को समिति के साथ अपने सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा.
कर्नाटक में भी डॉक्टर 24 घंटे की हड़ताल पर
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद से देश भर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है. कर्नाटक में भी डॉक्टर 24 घंटे की हड़ताल पर हैं. बेंगलुरु में डॉक्टरों ने शनिवार को कोलकाता में जूनियर डॉक्टर की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान वरिष्ठ डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के सदस्य मौजूद रहे. हालांकि, डॉक्टरों ने विरोध-प्रदर्शन के बीच आपातकालीन सेवाओं को चालू रखा है.
"डॉक्टर होने के नाते हम सड़क पर सुरक्षित महसूस नहीं करते"
एनेस्थीसिया विभाग में तैनात डॉक्टर संदिया ने डॉक्टरों की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हमें हर महिला के सामने आने वाले मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए. डॉक्टर होने के नाते हम सड़क पर सुरक्षित महसूस नहीं कर पाते हैं." उन्होंने दोषी को कड़ी सजा देने की मांग करते हुए कहा, "जिसने भी इस घिनौनी करतूत को अंजाम दिया है. उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसा अपराध करने से पहले कोई भी आरोपी दो बार सोचें. हम डॉक्टरों के रूप में अपना कर्तव्य निभाना चाहते हैं. लेकिन इस विशेष मामले में हमारे पास जिस तरह की रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक कुछ राजनीतिक दबाव भी है."
पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने की मांग
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है. भोपाल समेत कई जिलों में जूनियर डॉक्टरों ने पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने की मांग की. बता दें कि मध्य प्रदेश के निजी अस्पतालों में आज ओपीडी बंद रखने का फैसला किया गया है.
घटना के दोषियों को मिले कड़ी सजा
उधर पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए एमजएन मेडिकल कॉलेज में विरोध प्रदर्शन किया गया. शनिवार सुबह से ही अस्पताल के अंदर सन्नाटा पसरा रहा और डॉक्टर भी नजर नहीं आए. डॉ. अरिंदम ने कहा, "कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ जो घटना घटित हुई, वह शर्मनाक है. इसलिए डॉक्टरों ने हड़ताल का आह्वान किया है. हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं. हमारी सरकार से मांग है कि घटना के दोषियों को कड़ी सजा मिले."
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