चुनाव में लोगों को बिजली-पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सेवाएं दी जानी चाहिए कि नहीं, इसे लेकर काफी दिन से बहस छिड़ी हुई है. दरअसल पीएम मोदी का 'मुफ्त की रेवड़ी' वाला बयान चर्चा में आने के बाद ये सियासत का मुद्दा बन गया है. चुनाव के दौरान मुफ्त चुनावी घोषणों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. मध्यप्रदेश कांग्रेस की नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की. इस याचिका में कहा गया है कि सत्तारूढ़ दल का कर्तव्य सब्सिडी प्रदान करने के लिए बाध्य है. याचिका में कहा कि कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए योजनाओं को फ्रीबीज़ नहीं कहा जा सकता है
असल में जया ठाकुर ने BJP नेता और वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय की याचिका का विरोध किया. जया ठाकुर ने खुद को मामले में पक्षकार बनाने की मांग की. याचिका में कहा सरकार चलाने वाले सत्तारूढ़ दलों का कर्तव्य है कि वह समाज के कमजोर वर्गों का उत्थान करे और योजनाएं बनाएं और इसके लिए सब्सिडी प्रदान करें. याचिका में कहा कि नागरिकों को दी जाने वाली सब्सिडी और रियायतें संवैधानिक दायित्व और लोकतंत्र के लिए आवश्यक हैं. 'मुफ्त की रेवड़ी' वाले बयान की अरविंद केजरीवाल समेत कई नेता आलोचना कर चुके हैं.
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आपको बता दें कि हाल ही में रेवड़ी कल्चर पर जारी बहस के बीच तेलंगाना कैबिनेट के मंत्री केटी रामा राव ने शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने गरीबों के कल्याण को पहले ही नजरअंदाज कर रखा है और अब वो उन्हें राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली मुफ्त सुविधाओं पर भी बहस कर रही है, ताकि आम लोगों की स्थिति और दयनीय हो जाए.
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