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This Article is From Feb 13, 2024

किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस ने किया एमएसपी की कानूनी गारंटी का वादा

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में हरित और श्वेत क्रांति की नींव रखने वाली पार्टी ने किसान और किसान परिवारों के लिए एक और ऐतिहासिक और क्रांतिकारी घोषणा की है, जो शीघ्र ही जनता के समर्थन से हक़ीक़त बन जाएगी.’’

किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस ने किया एमएसपी की कानूनी गारंटी का वादा
नई दिल्ली/अंबिकापुर:

नई दिल्ली/अंबिकापुर: कांग्रेस ने किसानों के ‘दिल्ली चलो' आंदोलन के बीच मंगलवार को ऐलान किया कि अगर इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद वह सत्ता में आती है, तो उसकी सरकार फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी प्रदान करेगी. इसके साथ ही पार्टी ने सत्ता में आने पर स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने का भी एलान किया.

पार्टी ने अपनी इस घोषणा को ‘ऐतिहासिक और क्रांतिकारी' करार दिया है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले यह कांग्रेस की पहली ‘गारंटी' है.  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस घोषणा को लेकर कहा कि देश के किसानों के लिए ‘ऐतिहासिक दिन' है तथा यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा.

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा, ''मैं छत्तीसगढ़ से घोषणा करना चाहता हूं कि किसानों के लिए फसलों की व्यापक खरीद के साथ एमएसपी की कानूनी गारंटी हमारी गारंटी है (आगामी लोकसभा चुनावों के लिए). अगर हम सत्ता में आते हैं, तब इस गारंटी को जरूर लागू किया जायेगा. यह हमारी पहली गारंटी है.''

उन्होंने कहा, ''जो किसान (दिल्ली सीमा पर) अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, उन्हें रोकने के लिए सड़क पर लोहे की कीलें बिछाई गईं और सीमेंट की दीवारें खड़ी की गईं. ये कैसा लोकतंत्र है? क्या कोई अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ सकता'' 'दिल्ली चलो' मार्च में शामिल किसानों की एक मांग फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाने की है.

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है! कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का फैसला लिया है. यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा. न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है.''

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमारी एमएसपी पर कानूनी गारंटी किसानों के जीवन में 3 बड़े बदलाव लाएगी. फसल के सही दाम मिलने से किसान कर्ज़ की मुसीबत से छुटकारा पा जाएगा. कोई भी किसान आत्महत्या को मजबूर नहीं होगा. खेती मुनाफे का व्यवसाय होगा और किसान समृद्ध बनेगा. समृद्ध किसान देश की तक़दीर बदल देगा.''

राहुल गांधी ने अंबिकापुर की सभा में कहा कि केंद्र सरकार एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा तो करती है, लेकिन वह (कृषि और किसानों पर) उनके सुझावों को लागू करने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने इस दौरान वादा किया कि केंद्र में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' की सरकार बनने पर स्वामीनाथन कमेटी के सुझावों पर अमल किया जाएगा.

राहुल गांधी का कहना था, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि केंद्र में ‘इंडिया' (गठबंधन) की सरकार आएगी, तो हम एमएसपी की गारंटी हिंदुस्तान के किसानों को देंगे. जो स्वामीनाथ रिपोर्ट में लिखा है, वह हम पूरा करके देंगे. यह हमारी शुरुआत है. हमारा चुनाव घोषणा पत्र बन रहा है. हम किसानों के लिए, मजदूरों के लिए काम करने जा रहे हैं.''

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘कांग्रेस ने किसानों के लिए आज एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. खरगे जी और राहुल जी ने ऐलान किया है कि कांग्रेस की सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करेगी और देश के हर किसान को इसके मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देगी.''

उन्होंने कहा, ‘‘फसलों का उचित मूल्य किसानों का हक है. वे लाठी, गोली, आंसू गैस और हिंसा के नहीं, सम्मानजनक आय के हकदार हैं. कांग्रेस पार्टी किसानों की जायज मांगों के साथ खड़ी है.''

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘आज छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में हरित और श्वेत क्रांति की नींव रखने वाली पार्टी ने किसान और किसान परिवारों के लिए एक और ऐतिहासिक और क्रांतिकारी घोषणा की है, जो शीघ्र ही जनता के समर्थन से हक़ीक़त बन जाएगी.''

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि किसानों को प्रदर्शन करने से रोकना और उन्हें परेशान करना, मोदी सरकार की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब भी इतिहास लिखा जाएगा, तब मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल को किसानों के खिलाफ क्रूरता, बर्बरता, दमन और दंशकाल के रूप में जाना जाएगा.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि आदरणीय प्रधानमंत्री स्वयं किसानों से बात करें और उन्हें न्याय दें. ''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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