नई दिल्ली:
कांग्रेस पर 'दोहरी चाल' चलने का आरोप लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार यदि पदोन्नति में आरक्षण सम्बंधी विधेयक पारित कराने के प्रति गम्भीर है तो उसे संसद के मॉनसूत्र सत्र की अवधि बढ़ानी चाहिए।
मायावती ने कहा, 'सरकार दोहरी चाल चल रही है। उसने विधेयक को उस समय पेश किया जब संसद की कार्यवाही बाधित की जा रही थी, ताकि कोई नाराज न हो।' उन्होंने कहा, 'यदि केंद्र सकार वाकई इस विधेयक को लेकर गम्भीर है तो उसे मॉनसून सत्र की अवधि 10 से 12 दिन तक बढ़ानी चाहिए।'
ज्ञात हो कि संसद का मॉनसून सत्र शुक्रवार को खत्म होने जा रहा है। कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित धंधली के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार 12 दिनों से स्थिगित होती रही है। नियंत्रक एवं महलेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला ब्लॉकों के आवंटन में पारदर्शिता नहीं रहने के कारण देश के राजकोष को 1.86 लाख करोड़ रुपये (37 अरब डॉलर) का नुकसान हुआ।
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन संबधी विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पेश किया गया था। भाजपा के हंगामे के बीच पेश हुए इस विधेयक पर चर्चा नहीं कराई जा सकी। समाजवादी पार्टी (सपा) पहले से ही इस विधेयक के खिलाफ है।
उल्लेखनीय है कि कोयला ब्लॉक आवंटन में धांधली के खिलाफ भाजपा के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही गुरुवार को 12वें दिन भी नहीं चल पाई, वहीं सपा के सदस्य भी पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ दोनों सदनों में हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
मायावती ने कहा, 'सरकार दोहरी चाल चल रही है। उसने विधेयक को उस समय पेश किया जब संसद की कार्यवाही बाधित की जा रही थी, ताकि कोई नाराज न हो।' उन्होंने कहा, 'यदि केंद्र सकार वाकई इस विधेयक को लेकर गम्भीर है तो उसे मॉनसून सत्र की अवधि 10 से 12 दिन तक बढ़ानी चाहिए।'
ज्ञात हो कि संसद का मॉनसून सत्र शुक्रवार को खत्म होने जा रहा है। कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित धंधली के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार 12 दिनों से स्थिगित होती रही है। नियंत्रक एवं महलेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला ब्लॉकों के आवंटन में पारदर्शिता नहीं रहने के कारण देश के राजकोष को 1.86 लाख करोड़ रुपये (37 अरब डॉलर) का नुकसान हुआ।
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन संबधी विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पेश किया गया था। भाजपा के हंगामे के बीच पेश हुए इस विधेयक पर चर्चा नहीं कराई जा सकी। समाजवादी पार्टी (सपा) पहले से ही इस विधेयक के खिलाफ है।
उल्लेखनीय है कि कोयला ब्लॉक आवंटन में धांधली के खिलाफ भाजपा के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही गुरुवार को 12वें दिन भी नहीं चल पाई, वहीं सपा के सदस्य भी पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ दोनों सदनों में हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
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