हरियाणा में कांग्रेस अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थी, लेकिन अंत में आए नतीजों ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को चौंका दिया. एग्जिट पोल से लेकर शुरुआती रूझानों तक कांग्रेस विजय की ओर अग्रसर थी, लेकिन, अंत में भाजपा बाजी मार गई, जिसे अब कांग्रेस के नेता हजम नहीं कर पा रहे हैं. अब इसे लेकर पार्टी में चिंतन का दौर शुरू हो चुका है, जिसमें यह पता लगाने की कवयाद जारी है कि आखिर किस वजह से हरियाणा में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को बताया कि इस संबंध में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से बैठकों का सिलसिला जारी है. हर बैठक की रिपोर्ट हम मंगवा रहे हैं और इसके जरिए हम यह भी पता लगा रहे हैं कि आखिर कहां चूक हो गई. हालांकि, हम तो अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे, लेकिन, जिस तरह से रूझानों ने करवट बदला, उसने हमें भी हैरत में डाल दिया. खैर, हम इसके बारे में विचार-विमर्श कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि रिपोर्ट सामने आने के बाद साफ हो जाएगा कि कांग्रेस की हार की वजहें क्या रही. पूरा देश बोल रहा था कि हरियाणा में कांग्रेस जीत का परचम लहराएगी, लेकिन, आखिर में ऐसा क्या हुआ, जिसकी वजह से हम हार गए. हरियाणा में हमने किसी के भी साथ गठबंधन नहीं किया था. हालांकि, जम्मू-कश्मीर में हमने गठबंधन किया था, लेकिन, हरियाणा में हमने किसी के भी साथ गठबंधन नहीं किया था. हमने चुनाव जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया था.”
उन्होंने कहा, “आमतौर पर ऐसा होता है, जब आप चुनाव जीत जाते हैं, तो आपको श्रेय दिया जाता है, लेकिन, जब आप हार जाते हैं, तो आपको आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है, मुझे लगता है कि राजनीति में आपको आलोचनाओं को भी स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए.”
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा विजय का परचम लहराने में सफल रही है. भाजपा ने कुल 90 सीटों में से 48 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस को महज 37 सीटों पर ही जीत सीट मिली.
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