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पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का निधन, आग से झुलस गई थीं, चल रहा था इलाज

पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का निधन हो गया है. बीते दिनों आग से वो बुरी तरह से झुलस गई थी. उनका अहमदाबाद में इलाज चल रहा था.

पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का निधन, आग से झुलस गई थीं, चल रहा था इलाज

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का निधन हो गया. गिरिजा व्यास 79 वर्ष की थी. बीते दिनों उदयपुर स्थित अपने घर में आरती करते समय आग लगने से वो बुरी तरह से झुलस गई थी. जिसके बाद उनका पहले उदयपुर और फिर अहमदाबाद में इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान ही गुरुवार को दोपहर बाद उनके निधन की सूचना सामने आई. 

31 मार्च को गिरिजा व्यास उदयपुर शहर में अपने घर में आरती करते समय आग से झुलस गईं. परिवारजनों ने यह जानकारी दी. व्यास (79) को तुरंत उदयपुर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया और बाद में आगे के इलाज के लिए उन्हें अहमदाबाद रेफर कर दिया गया था.

गहलोत बोले- गिरिजा जी जाना हम सभी के लिए बड़ा आघात

गिरिजा व्यास के निधन का समाचार सामने आते ही राजस्थान कांग्रेस में शोक की लहर दौड़ गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा- पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ गिरिजा व्यास का निधन हम सबके लिए एक अपूरणीय क्षति है. डॉ गिरिजा व्यास ने शिक्षा, राजनीति एवं समाज सेवा के क्षेत्र में बड़ा योगदान था. उनका इस तरह एक हादसे का शिकार होकर असमय जाना हम सभी के लिए एक बड़ा आघात है. मैं ईश्वर से उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं.

उनके भाई गोपाल शर्मा ने बताया कि गिरिजा व्यास आरती कर रही थीं, इसी दौरान उनकी चुन्नी ने नीचे रखे दीपक से आग पकड़ ली. परिवार के सदस्य उन्हें अस्पताल ले गए.
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कांग्रेस की दिग्गज नेता गिरिजा व्यास ने राज्य और केंद्र दोनों सरकारों में मंत्री के रूप में काम किया है। वह कांग्रेस प्रदेश अध्यख व राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. गिरिजा व्यास ने कांग्रेस पार्टी में कई वरिष्ठ पदों पर काम किया. वह 1991 में उदयपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचा और नरसिम्हा राव सरकार में मंत्री भी रहीं.

गिरिजा व्यास का राजनीतिक और सामाजिक करियर

  • जन्म: 8 जुलाई 1946, नाथद्वारा
  • निधनः 1 अप्रैल, 2025, अहमदाबाद
  • दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट; मुमलालाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय एवं यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर में अध्यापन
  • लेखिका–कवयित्री आठ पुस्तकें, जिनमें ‘एहसास के पार', ‘सीप, समुन्दर और मोती' व ‘नॉस्टैल्जिया'
  • 1985 राजस्थान विधान सभा से पहली बार विधायक बनीं, 1990 तक पर्यटन मंत्री रहीं.
  • 1991–99 उदयपुर से तीन बार लोकसभा सांसद; सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री.
  • 2001–04 राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष.
  • 2005–11 राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की चेयरपर्सन.
  • जून 2013–मई 2014 केन्द्रीय कैबिनेट में शहरी आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री.

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