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This Article is From Nov 07, 2015

राहुल गांधी बोले - कांग्रेस अकेले RSS और बीजेपी को तबाह कर सकती है

राहुल गांधी बोले - कांग्रेस अकेले RSS और बीजेपी को तबाह कर सकती है
नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस के खिलाफ जल्द ही एक आक्रामक अभियान शुरू करने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि नए जोश वाली कांग्रेस अकेले ही बीजेपी और उसके वैचारिक मार्गदर्शक को तबाह कर सकती है।

कांग्रेस के खून में धर्मनिरपेक्षता
राहुल ने कहा, 'धर्मनिरपेक्षता कांग्रेस के खून में है और इसे हटाया नहीं जा सकता... यह हमारे संगठन का डीएनए है और हमें नई जान फूंकनी है और आप देखेंगे कि कांग्रेस... हराएगी, और न सिर्फ हराएगी बल्कि आरएसएस और बीजेपी को तबाह करेगी।'

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती से पहले दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन करते हुए राहुल ने कहा कि आगे की चुनौतियां अजेय नहीं हैं और उन्होंने कहा कि यह मूल्यांकन सही नहीं होगा कि कांग्रेस आरएसएस से नहीं लड़ रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी इससे लड़ रही सबसे बड़ी ताकत है।

देश में बढ़ती असहिष्णुता पर जताई चिंता
देश में बढ़ रही असहिष्णुता पर चिंता जताते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, 'इतिहास में पहली बार एक फासीवादी संगठन, जो हमारे संविधान के विचारों और मूल्यों के खिलाफ है, ने केंद्र में निर्णायक शक्ति हासिल की है।' उन्होंने कहा, 'पिछले 18 महीनों में उन्होंने दिखाया है कि वे गणतंत्र की शक्ति से ही इसे नष्ट करने के लिए तैयार हैं।' उन्होंने कहा, 'अभूतपूर्व चुनौती है और इस संकट का सामना सभी भारतीय कर रहे हैं।'

RSS का मकसद निरंकुश' राज्य स्थापित करना
राहुल ने कहा कि आरएसएस का घोषित उद्देश्य 'धर्मतांत्रिक, निरंकुश' राज्य स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसे मौजूदा उदार, प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष, सामाजिक एवं लोकतांत्रिक गणराज्य को मिटाना है।

राहुल ने यह भी कहा कि सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले विद्वानों, बुद्धिजीवियों और इतिहासकारों में गलत धारणा है कि आरएसएस ने कांग्रेस को हराया है। उन्होंने कहा, 'हम कहीं इसे आरएसएस की जीत के तौर पर देख रहे हैं। हम इसे देख रहे हैं कि आरएसएस ने हमें हराया है। यह गलत है। आरएसएस नहीं जानती है... कि आने वाले हफ्तों, महीनों और वर्षों में वह किस चीज का सामना करने जा रही है।'

प्रगतिशील बुद्धिजीवियों और विद्वानों तक पहुंचने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस और उनके लिए फिर से संबंध स्थापित करने और उन विचारों पर चर्चा करने की जरूरत है, जो आरएसएस को हराने में पार्टी की मदद करने जा रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'वास्तव में आप में और हममें कोई भेद नहीं है... हमारे बीच यहां झूठा अवरोध है... यहां हमारे कई मित्रों ने कहा कि क्यों कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया और क्यों कांग्रेस ने वैसा नहीं किया।' उन्होंने कहा, 'लेकिन आपको भी कांग्रेस की ओर देखना है और समझना है कि वह सत्ता के समीकरण से निपटती है। कांग्रेस सत्ता के समीकरण से निपटने को मजबूर है और यह कई चीजों को बदल देता है... मैं सत्ता के विचार को लेकर आंखें नहीं मूंद सकता। यह रहता है। और मुझे सत्ता के विचार के लिए अपना जहन खुला रखना होगा।'

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