सिनेमा का हाल - क्यों है बेहाल? PVR बंद कर रहा 50 स्क्रीन, क्या ये है OTT का असर?

कई लोगों का मानना है कि ओटीटी प्लैटफॉर्म पर अच्छे कंटेंट बनाए जा रहे हैं. और इस पर महीने में औसत 149-199 रुपये ही खर्च होते हैं.

मुंबई:

कोरोना संकट के कारण देश में सिनेमा थिएटर को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. कोविड के बाद भी उनकी कमाई में इतनी बढ़ोतरी नहीं हुई जिससे हुए नुकसान को खत्म किया जा सके. थिएटरों में पहुंचने वाले दर्शकों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. कई लोग इसके लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म के बढ़ते क्रेज को जिम्मेदार बता रहे हैं. हालांकि बॉलीवुड सिनेमा के कंटेंट को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं और लोगों का मानना रहा है कि अगर कंटेंट अच्छे बनेंगे तो लोग जरूर थिएटरों में पहुंचेंगे. इस बीच जानकारी यह है कि PVR आने वाले समय में अपने 50 स्क्रीन को बंद करने जा रहा है. 

मार्च तिमाही में कंपनी को 333 करोड़ का घाटा

जानकारी के अनुसार  PVR Inox अगले छह महीने में 50 स्क्रीन बंद करने जा रही है. मार्च तिमाही में कंपनी को 333 करोड़ का घाटा हुआ है. महाराष्ट्र में 80% सिंगल स्क्रीन थिएटर पहले ही बंद हो चुके हैं. थियेटर मालिकों का दावा है कि बॉलीवुड ख़राब कंटेंट बना रहा है. वहीं OTT में दमदार कहानी और एक्टिंग लोगों को देखने को मिल रही है. 

ओटीटी लोगों को आकर्षित कर रहा है

लोगों का मानना है कि ओटीटी प्लैटफॉर्म पर अच्छे कंटेंट बनाए जा रहे हैं. और इस पर महीने में औसत 149-199 रुपये ही खर्च होते हैं. वहीं मल्टीप्लेक्स में इतने में सिर्फ पॉपकॉर्न मिलते हैं.दर्शकों को जो आजादी OTT पर मिलती है वो थिएटरों में नहीं मिल पाती है. निर्माताओं को फ़िल्म बनने से पहले मेहनत करनी चाहिए. एक रिपोर्ट के अनुसार कोविडकाल के बाद 2.4 करोड़ लोगों ने थियेटर जाना बंद कर दिया है.  दर्शकों का कहना है कि ओटीटी पर अच्छे कंटेंट बन रहे हैं. हम थियेटर में सिर्फ़ वैसी फ़िल्में देखने जाते हैं जो बड़ी स्क्रीन पर देखने लायक हो. 

"बॉलीवुड ने इतना बुरा दौर कभी नहीं देखा था"

निर्माता और G7 मल्टीप्लेक्स के दो सिंगल स्क्रीन थियेटरों के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मनोज देसाई ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि बीते 51 सालों से सिनेमा बिज़नेस में हूं. लेकिन बॉलीवुड ने इतना बुरा दौर कभी नहीं देखा था. 

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