विज्ञापन
This Article is From Jan 02, 2023

उत्तर भारत में फिर चलेगी शीतलहर, IMD ने अगले 3 दिनों में इन राज्यों में जताया घने कोहरे का अनुमान

राजस्थान के उत्तरी भागों में मंगलवार तक शीतलहर से लेकर भीषण शीतलहर की स्थिति बने रहने की संभावना है. दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले हफ्ते शीत लहर की स्थिति से थोड़ी राहत मिली थी.

उत्तर भारत में फिर चलेगी शीतलहर, IMD ने अगले 3 दिनों में इन राज्यों में जताया घने कोहरे का अनुमान
मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में दो-चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है.
नई दिल्ली:

उत्तर पश्चिम भारत के बड़े हिस्से में शीत लहर की स्थिति लौट आई है और मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों में उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में घने कोहरे का अनुमान जताया है. मौसम कार्यालय के अनुसार उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अगले दो दिनों में ठंड की स्थिति का अनुभव होने की संभावना है. मंद हवाओं और सिंधु-गंगा के मैदानी इलाकों में सतह के पास उच्च नमी के कारण वर्ष के इस समय कोहरा छाया रहना सामान्य बात है क्योंकि कड़ाके की ठंड की स्थिति में नमी संघनित होकर हवा में तरल बूंदों का निर्माण करती है जो कुहासे का रूप ले लेती है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में हिमालय से आने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और आसपास के मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में दो-चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है.

इसके प्रभाव से राजस्थान के उत्तरी भागों में मंगलवार तक शीतलहर से लेकर भीषण शीतलहर की स्थिति बने रहने की संभावना है. दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले हफ्ते शीत लहर की स्थिति से थोड़ी राहत मिली थी.

दिसंबर के उत्तरार्ध को छोड़कर उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में सर्दी अपेक्षाकृत कम रही हैं, जबकि उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत के क्षेत्रों में शीतलहर और घने कोहरे की स्थिति देखी गई थी. मौसम कार्यालय ने उत्तर भारत में कम ठंड की स्थिति के लिए मजबूत पश्चिमी विक्षोभ या अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय मौसम प्रणालियों की कमी को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे मैदानी इलाकों में बारिश होती है और अधिक ऊंचाई पर बर्फबारी होती है.

इस दिसंबर में सात पश्चिमी विक्षोभ थे, जिनमें से छह भारत के ऊपर कमजोर थे और केवल एक (28-30 दिसंबर तक) मजबूत था. हालिया अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय मौसम प्रणाली के कारण पिछले तीन दिनों के दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में मौसम की पहली बर्फबारी और वर्षा हुई.

मौसम कार्यालय ने जनवरी और मार्च के बीच उत्तर-पश्चिम भारत में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) की सामान्य बारिश से 86 फीसदी कम बारिश का अनुमान लगाया हैय जनवरी-फरवरी-मार्च के लिए उत्तर-पश्चिम भारत में वर्षा का एलपीए लगभग 184.3 मिलीमीटर है.

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने शनिवार को कहा, ‘‘अगर वर्षा कम होने का संकेत मिलता है, तो इसका मतलब है कि पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधि कम होने की संभावना है. जब पश्चिमी विक्षोभ कम होते हैं, तो उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों में उत्तर-पश्चिमी हवाएं चल सकती हैं.''

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, दक्षिणी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान कम रह सकता है. महापात्र ने कहा, ‘‘हरियाणा और पंजाब में तापमान सामान्य रहेगा और हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में यह सामान्य से ऊपर रह सकता है.''

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com