नई दिल्ली:
कोयला खदान आवंटन में सरकार की मुश्किल अब सीबीआई ने बढ़ा दी है। कोयला घोटाले में सीबीआई ने कई गंभीर खामियां पकड़ी हैं और इस सिलसिले में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंप दी है।
सीबीआई के मुताबिक, कोयला खदान आवंटन में समान नीति नहीं अपनाई गई। कोयला मंत्रालय ने इस सिलसिले में आवेदनों की ठीक से जांच नहीं की। आवेदन करने वाली कंपनियों के ट्रैक रिकॉर्ड की जांच करने का कोई तरीका नहीं अपनाया गया। कुछ कंपनियों ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश करके खदानें हासिल कीं। कोयला खदान आवंटन के पीछे तार्किक वजह नहीं थीं। सीबीआई ने ये गंभीर बातें सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कही हैं
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहली नजर में लगता है कि कोयला खदान आवंटन के पीछे कोई एक सिस्टम नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे सीबीआई से यह आश्वासन चाहिए कि वह जांच का ब्यौरा नेताओं को नहीं देगी और इस सिलसिले में सीबीआई निदेशक को एक हलफनामा देना होगा।
सीबीआई के मुताबिक, कोयला खदान आवंटन में समान नीति नहीं अपनाई गई। कोयला मंत्रालय ने इस सिलसिले में आवेदनों की ठीक से जांच नहीं की। आवेदन करने वाली कंपनियों के ट्रैक रिकॉर्ड की जांच करने का कोई तरीका नहीं अपनाया गया। कुछ कंपनियों ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश करके खदानें हासिल कीं। कोयला खदान आवंटन के पीछे तार्किक वजह नहीं थीं। सीबीआई ने ये गंभीर बातें सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कही हैं
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहली नजर में लगता है कि कोयला खदान आवंटन के पीछे कोई एक सिस्टम नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे सीबीआई से यह आश्वासन चाहिए कि वह जांच का ब्यौरा नेताओं को नहीं देगी और इस सिलसिले में सीबीआई निदेशक को एक हलफनामा देना होगा।
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