 
                                            दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पहली बार 700 टन से ज्यादा ऑक्सीजन दिल्ली को देने पर आभार व्यक्त किया है. इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि कम से कम इतनी ऑक्सीजन दिल्ली को रोजाना जरूर दिलवाई जाए. आज सुप्रीम कोर्ट में भी दिल्ली की ओर से 700 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए केंद्र को धन्यवाद कहा गया था. और अब केजरीवाल की चिट्ठी सामने आई है.

सुप्रीम कोर्ट में ऑक्सीजन संकट पर सुनवाई
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा है 'दिल्ली की खपत 700 टन प्रतिदिन है. हम लगातार केंद्र सरकार से प्रार्थना कर रहे थे कि इतनी ऑक्सीजन हमें दी जाए. कल पहली बार दिल्ली को 730 टन ऑक्सीजन मिली है'' उन्होंने लिखा, 'मैं दिल्ली के लोगों की तरफ़ से दिल से आपका आभार व्यक्त करता हूं. आपसे निवेदन है कि कम से कम इतनी ऑक्सीजन दिल्ली को रोज़ ज़रूर दिलवाई जाए और इसमें कोई कटौती न की जाए. पूरी दिल्ली इसके लिए आपकी आभारी रहेगी.'
बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में केंद्र ने कहा कि दिल्ली के 50 से ज्यादा बड़े अस्पतालों में सर्वे हुआ है, जिसमें जानकारी मिली है कि यहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है और अब दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी नहीं है. हालांकि, केंद्र दिल्ली को रोज 700 टन ऑक्सीजन सप्लाई करने को लेकर अनिच्छुक दिखा. कोर्ट ने जब कहा कि उसे दिल्ली को इतनी ही ऑक्सीजन देनी होगी, तो केंद्र ने कहा कि अगर वो इतनी ऑक्सीजन दिल्ली को सप्लाई करेगा, तो दूसरे राज्यों में अभाव पैदा होगा.
दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा कि 'आवंटन केवल पेपर नहीं होना चहिए, उसको जमीन पर उतारा जाना चहिए. हम ICU मरीज़ से यह नहीं कह सकते कि उसको सिर्फ 24 लीटर ऑक्सीज़न दे सकते हैं क्योंकि केंद्र ने 36 लीटर देने से मना किया है.'
उसने कहा, 'एक राज्य के तौर पर हम जो भी कर सकते हैं, सब कर रहे हैं. हम IIT, IIM, DRDO और रक्षा मंत्री से सेना तक की मदद मांग चुके हैं. केंद्र सरकार जो भी ऑक्सीज़न आवंटन को लेकर कह रही है, किस मेकेनिज्म के तहत पूरे देश में किस तरह से ऑक्सीजन आवंटन हो रहा है, केंद्र सरकार को यह सब हलफनामे में दाखिल करना चाहिए.'
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