इसी मर्सिडीज रथ पर सवार होकर सीएम अखिलेश प्रचार अभियान पर निकले हैं
लखनऊ:
यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गुरुवार से शुरू हुई रथ यात्रा के जरिये समाजवादी पार्टी ने यह दिखाने की कोशिश की कि सत्ताधारी पार्टी में पिछले कुछ दिनों से जारी कलह के बाद अब सब कुछ सामान्य है. कार्यकर्ताओं के बीच यादव परिवार में एकता बरकरार होने का संदेश देने के लिए अखिलेश के पिता और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव खासतौर पर कार्यक्रम में मौजूद रहे. लेकिन इन कोशिशों को उस समय झटका लगा जब कथित तौर पर दोनों पक्षों से जुड़े पार्टी कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए.
लखनऊ में आयोजित 'समाजवादी विकास रथ यात्रा' के उद्घाटन कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे कुर्सियां भी फेंकी, जिसमें कुछ के घायल होने की खबर है.
गौरतलब है कि पार्टी में 'एका' होने का संदेश देने के लिए शिवपाल यादव की ओर से अखिलेश को फिर से ताज पहनाने के नारे वाले सैकड़ों पोस्टर लगाए गए हैं. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस रथ यात्रा की पूरी कमान हाल ही में सपा से बर्ख़ास्त किए गए अखिलेश के युवा साथियों के हाथ में है. इस रथ यात्रा को 'विकास से विजय तक यात्रा' का नाम दिया गया है. पूरा शहर रथ यात्रा के होर्डिंग्स से पटा है.
अखिलेश यादव ने अपने युवा साथियों के लिए समाजवादी पार्टी दफ्तर के पास एक और दफ्तर खोला है. ये है जनेश्वर मिश्र के नाम पर बने ट्रस्ट का ऑफिस. रथयात्रा की सारी रणनीति यहीं बनती है. पिछले दिनों शिवपाल यादव ने एमएलएसी सुनील साजन, संजय लतहर, आनंद भदौरिया और पार्टी की चारो यूथ विंग के जिन अध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया था, इन्हीं सातों बर्खास्त नेताओं के जिम्मे है रथ यात्रा की पूरी तैयारी. मुख्यमंत्री आवास के सामने ला मार्टिनियर मैदान से रथयात्रा का आगाज हो रहा है, जहां विशाल मंच बनाया गया है और हजारों लोग यहां पहुंचे हैं. इस रथयात्रा के साथ हजारों गाड़ियों का काफिला भी चलेगा.
निष्कासित रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव पहुंचे
इस बीच, सपा से निष्कासित रामगोपाल यादव के बेटे व फिरोजाबाद से सांसद अक्षय प्रताप यादव इस रथयात्रा में शामिल होने पहुंचे. उन्होंने कहा कि वह अखिलेश के समर्थन में यहां आए हैं और उन्हें केवल अखिलेश यादव से मतलब है. जनता के लिए उन्होंने काफी काम किया है, इसलिए उनकी रथयात्रा को सफल बनाने के लिए वह यहां पहुंचे हैं.
अक्षय यादव ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि उनके पिता व राज्यसभा सांसद रागोपाल यादव रथयात्रा में शामिल होंगे. पिछले दिनों अखिलेश यादव ने कहा था कि दीपावली के अलावा हमारे दो त्योहार और भी हैं. एक 3 नवंबर की रथयात्रा और दूसरा 5 नवंबर का सिल्वर जुबली सेलिब्रेशन. लेकिन यह त्योहार से ज्यादा पार्टी का इम्तिहान भी है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
लखनऊ में आयोजित 'समाजवादी विकास रथ यात्रा' के उद्घाटन कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे कुर्सियां भी फेंकी, जिसमें कुछ के घायल होने की खबर है.
गौरतलब है कि पार्टी में 'एका' होने का संदेश देने के लिए शिवपाल यादव की ओर से अखिलेश को फिर से ताज पहनाने के नारे वाले सैकड़ों पोस्टर लगाए गए हैं. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस रथ यात्रा की पूरी कमान हाल ही में सपा से बर्ख़ास्त किए गए अखिलेश के युवा साथियों के हाथ में है. इस रथ यात्रा को 'विकास से विजय तक यात्रा' का नाम दिया गया है. पूरा शहर रथ यात्रा के होर्डिंग्स से पटा है.
शिवपाल द्वारा बर्खास्त युवा नेताओं पर रथ यात्रा की जिम्मेवारी#WATCH: Clash erupted between SP workers in Lucknow ahead of UP CM Akhilesh Yadav's “Vikas Rath Yatra” pic.twitter.com/ZTwFgduVP8
— ANI UP (@ANINewsUP) November 3, 2016
अखिलेश यादव ने अपने युवा साथियों के लिए समाजवादी पार्टी दफ्तर के पास एक और दफ्तर खोला है. ये है जनेश्वर मिश्र के नाम पर बने ट्रस्ट का ऑफिस. रथयात्रा की सारी रणनीति यहीं बनती है. पिछले दिनों शिवपाल यादव ने एमएलएसी सुनील साजन, संजय लतहर, आनंद भदौरिया और पार्टी की चारो यूथ विंग के जिन अध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया था, इन्हीं सातों बर्खास्त नेताओं के जिम्मे है रथ यात्रा की पूरी तैयारी. मुख्यमंत्री आवास के सामने ला मार्टिनियर मैदान से रथयात्रा का आगाज हो रहा है, जहां विशाल मंच बनाया गया है और हजारों लोग यहां पहुंचे हैं. इस रथयात्रा के साथ हजारों गाड़ियों का काफिला भी चलेगा.
निष्कासित रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव पहुंचे
इस बीच, सपा से निष्कासित रामगोपाल यादव के बेटे व फिरोजाबाद से सांसद अक्षय प्रताप यादव इस रथयात्रा में शामिल होने पहुंचे. उन्होंने कहा कि वह अखिलेश के समर्थन में यहां आए हैं और उन्हें केवल अखिलेश यादव से मतलब है. जनता के लिए उन्होंने काफी काम किया है, इसलिए उनकी रथयात्रा को सफल बनाने के लिए वह यहां पहुंचे हैं.
अक्षय यादव ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि उनके पिता व राज्यसभा सांसद रागोपाल यादव रथयात्रा में शामिल होंगे. पिछले दिनों अखिलेश यादव ने कहा था कि दीपावली के अलावा हमारे दो त्योहार और भी हैं. एक 3 नवंबर की रथयात्रा और दूसरा 5 नवंबर का सिल्वर जुबली सेलिब्रेशन. लेकिन यह त्योहार से ज्यादा पार्टी का इम्तिहान भी है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
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