विज्ञापन
This Article is From Nov 09, 2023

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने एक साल का कार्यकाल पूरा किया, आम लोगों को प्रभावित करने वाले अहम फैसले सुनाए

प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने विवाह करने के इच्छुक समलैंगिक जोड़ों के लिए समान अधिकारों की वकालत की.

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने एक साल का कार्यकाल पूरा किया, आम लोगों को प्रभावित करने वाले अहम फैसले सुनाए
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (फाइल फोटो).
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
दिल्ली सरकार की शक्तियों को लेकर महत्वपूर्ण फैसला दिया
केंद्र ने इस फैसले को पलटने के लिए बाद में एक कानून बनाया
महाराष्ट्र सरकार से संबंधित अहम फैसला सुनाया
नई दिल्ली:

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को इस पद पर एक साल का कार्यकाल पूरा किया. इस दौरान उन्होंने सार्वजनिक जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर फैसले सुनाए और ऐसे सुधारों की शुरुआत की जो आने वाले समय में न्याय प्रदान करने की प्रणाली की दक्षता को बढ़ाएंगे.

उन्हें अपनी किशोरावस्था में लुटियंस दिल्ली में अपने पिता न्यायमूर्ति वाईवी चंद्रचूड़ के आधिकारिक बंगले के बाहरी हिस्से में कर्मचारियों के साथ क्रिकेट खेलना पसंद था. प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने विवाह करने के इच्छुक समलैंगिक जोड़ों के लिए समान अधिकारों की वकालत की.

पिछले साल नौ नवंबर को भारतीय न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में पदभार संभालने वाले न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के तहत, शीर्ष अदालत ने पारदर्शिता बढ़ाने और एलजीबीटीक्यूआईए + समुदाय को शीर्ष अदालत के भीतर शामिल करने की दिशा में कई कदम उठाए.

जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता सबसे लंबे समय तक चीफ जस्टिस रहे

तकनीकी, प्रशासनिक और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए पहल शुरू करने के अलावा, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने पिता एवं पूर्व प्रधान न्यायाधीश वाईवी चंद्रचूड़ की तरह पिछले एक साल में महत्वपूर्ण फैसले दिए. उनके पिता 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक सबसे लंबे समय तक भारत के प्रधान न्यायाधीश थे.

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया कि दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि को छोड़कर सेवाओं के प्रशासन पर विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं. हालांकि केंद्र ने इस फैसले को पलटने के लिए बाद में एक कानून बनाया और सेवाओं से संबंधित मामलों में उप राज्यपाल की प्रधानता स्थापित की.

उन्होंने पांच-न्यायाधीशों की पीठ के लिए एक सर्वसम्मत फैसला भी लिखा, जिसमें कहा गया कि शीर्ष अदालत महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली महा विकास अघाडी सरकार को बहाल नहीं कर सकती क्योंकि उन्होंने सदन में मतविभाजन का सामना किए बिना इस्तीफा दे दिया था.

शीर्ष अदालत द्वारा साझा किए गए एक बयान में 50वें प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ के नेतृत्व में शीर्ष अदालत द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों और पहलों को सूचीबद्ध किया गया.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: