
नागरिकता संशोधन बिल का शिवसेना राज्यसभा में विरोध करेगी. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शिवसेना ने अपने सांसदों को राज्यसभा में इस बिल का विरोध करने की बात कही है. गौर करने वाली बात यह है कि लोकसभा में शिवसेना ने बिल के समर्थन में वोटिंग की थी. लोकसभा में समर्थन के बाद शिवेसना ने सांसद अरविंद सावंत ने कहा था कि उन्होंने राष्ट्रहित के लिए इस बिल का समर्थन किया. लेकिन इसके बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी कुछ शंकाएं हैं, जब तक उनकी ये शंकाएं दूर नहीं हो जाएंगी, शिवसेना इस बिल के साथ नहीं जाएगी.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा, 'वोट बैंक की राजनीति नहीं करनी चाहिए. यह सही नहीं है. दोबारा हिंदू-मुस्लिमों की बांटने की कोशिश मत कीजिए. श्रीलंका के तमिल हिंदुओं के बारे में भी इस बिल में कुछ नहीं है.' साथ ही उन्होंने कहा, 'हमारी शंकाएं दूरी की जानी चाहिए. अगर हमें संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो लोकसभा में हमारा जो रुख था, अब वह अलग होगा.'
बता दें, शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने मंगलवार को कहा था कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान करने का फैसला राष्ट्रहित में किया गया तथा उनकी पार्टी, राकांपा एवं कांग्रेस की सहमति से बना साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) महाराष्ट्र में मान्य है. सावंत ने कहा, ‘यह (पक्ष में मतदान) राष्ट्र के हित में है.' जब उनसे तीनों दलों की सहमति से बने सीएमपी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह महाराष्ट्र के लिए है.'
शिवसेना ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक के कुछ पहलुओं को लेकर चिंता प्रकट की थी लेकिन उसने उसे लोकसभा में पारित कराने में सरकार का साथ दिया था और विधेयक के पक्ष में वोट डाला था. शिवसेना का अपने वैचारिक विरोधियों कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन है. इन दोनों दलों ने विधेयक के विरूद्ध वोट डाला था.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि जब तक लोकसभा में उनकी पार्टी शिवसेना द्वारा उठाये गये प्रश्नों पर स्पष्टता नहीं आती है तब तक उनकी पार्टी राज्यसभा में विधेयक का समर्थन नहीं करेगी. ठाकरे के बयान से कुछ घंटे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस विधेयक को संविधान पर हमला करार दिया था.
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