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This Article is From Mar 08, 2015

कट्टरपंथी मसर्रत आलम ने कहा, मुझे रिहा कर पीडीपी-बीजेपी सरकार ने कोई एहसान नहीं किया

कट्टरपंथी मसर्रत आलम ने कहा, मुझे रिहा कर पीडीपी-बीजेपी सरकार ने कोई एहसान नहीं किया
श्रीनगर:

जेल से कल रिहा किए गए कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मुसर्रत आलम ने आज कहा कि सरकार बदलने का यह मतलब नहीं है कि जमीनी स्तर पर हकीकत बदल जाएगी।

मुस्लिम लीग पार्टी के नेता आलम ने उन सुझावों को खारिज कर दिया कि उनकी रिहाई को लेकर उनके और राज्य सरकार के बीच कोई समझौता हुआ है और इससे केंद्र एवं अलगाववादियों के बीच बातचीत हो सकती है।

रिहाई को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच उन्होंने कहा, 'मेरी रिहाई में क्या बड़ी बात है? मैं पिछले 20 वर्षों से जेल में जाता और बाहर आता रहा हूं। मेरी रिहाई में क्या नया है?'

आलम ने कहा कि पीडीपी-बीजेपी की सरकार ने उन पर कोई एहसान नहीं किया, क्योंकि सामान्य न्यायिक प्रक्रिया के तहत उनकी रिहाई हुई है। उन्होंने कहा कि 'संबंधित अदालतों से जमानत दे दिए जाने के बाद भी' उन्हें बार-बार लोक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में रखा गया।

अपनी रिहाई से जुड़े विवाद पर मुस्लिम लीग के नेता ने कहा, 'अगर मेरी रिहाई पर कोई हो-हल्ला मचा रहा है तो यह उसका सिर दर्द है।' यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी रिहाई अलगाववादियों और सरकार के बीच वार्ता की बहाली का संकेत है, इस पर आलम ने कहा कि हुर्रियत कांफ्रेंस इस पर कोई फैसला करेगा। उन्होंने कहा, 'हम (मुस्लिम लीग) फोरम (हुर्रियत कांफ्रेंस) का हिस्सा हैं। वार्ता पर फोरम जो भी फैसला करेगा, मैं उसे मानूंगा।'

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