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This Article is From Aug 04, 2019

चंद्रयान-2 से ली गई पहली तस्वीरों को ISRO ने किया जारी, Tweet कर लिखी यह बात

मिशन मून पर निकले भारत के चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) ने पहली बार पृथ्वी की खूबसूरत तस्वीरें भेजी हैं. चंद्रयान-2 से भेजी गई इन तस्वीरों को इसरो ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है.

चंद्रयान-2 से ली गई पहली तस्वीरों को ISRO ने किया जारी, Tweet कर लिखी यह बात
ISRO ने जारी की चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) से ली गई पहली तस्वीर.
नई दिल्ली:

मिशन मून (Mission Moon) पर निकले भारत के चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) ने पहली बार पृथ्वी की खूबसूरत तस्वीरें भेजी हैं. चंद्रयान-2 से भेजी गई इन तस्वीरों को इसरो ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है. इन तस्वीरों को शेयर करते हुए इसरो ने लिखा है कि चंद्रयान-2 में विक्रम लैंडर से क्लिक की गई पृथ्वी की सुंदर तस्वीरों का पहला सेट. तस्वीरों को चंद्रयान-2 ने 3 अगस्त को शाम पांच बजकर 28 मिनट पर खींचा है....मिशन मून (Mission Moon) पर निकले चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को दोपहर 2.43 पर बाहुबली के नाम से मशहूर जीएसएलवी एमके 3 रॉकेट की मदद से लॉन्च किया गया था.

बता दें कि इसरो ने 11 साल पहले 'चंद्रयान 1' को रवाना किया था. इसका कार्यकाल 312 दिन का था और यह 29 अगस्त, 2019 तक कार्यरत था. चंद्रयान 2 में आर्बिटर, लैंडर और रोवर लगाये गए हैं और इसके सितम्बर के पहले सप्ताह में चांद पर उतरने की उम्मीद है.

चंद्रयान 2 से क्या मिलेगा भारत को, क्या होंगे तीन सबसे बड़े फायदे...

वैज्ञानिक इसे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मद्धिम ढंग से उतारेगा. इस इलाके में अब तक कोई देश पहुंच नहीं सका है. चीन, रूस और अमेरिका के बाद भारत ऐसा चौथा देश होगा जो चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के जरिए रोवर को उतारेगा. अपनी शुरुआत के बाद से इसरो का सबसे जटिल और प्रतिष्ठित मिशन चंद्रयान-2 को माना जा रहा है.'

चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद बोले ISRO प्रमुख- चंद्रमा की ओर भारत की ऐतिहासिक यात्रा की यह शुरुआत

बता दें कि चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के बाद इसरो (ISRO) प्रमुख के. सिवन (K Sivan) ने मिशन के सफल होने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि यह चंद्रमा की ओर भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है. सिवन ने कहा था कि यान को चंद्रमा के पास पहुंचने से पहले, अगले डेढ़ महीने में 15 'बेहद महत्वपूर्ण अभियान चरणों' से गुजरना होगा.' उन्होंने कहा कि उसके बाद वह दिन आएगा, जब चंद्रमा पर दक्षिणी ध्रुव के नजदीक सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए 15 मिनट तक 'हमारे दिलों की धड़कनें बढ़ जाएंगी.' यह सबसे जटिल चरण होगा.

VIDEO: चांद के रास्ते भारत का मून मिशन 'चंद्रयान-2'

(इनपुट: भाषा से भी)

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