मौसमी इन्फ्लूएंजा के उपप्रकार H3N2 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच केंद्र ने शनिवार को कुछ राज्यों में COVID-19 पॉजिटिविटी रेट में क्रमिक वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है. साथ ही इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता जताई है. केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी या गंभीर श्वसन संक्रमण के मामलों में श्वसन रोगजनकों की एकीकृत निगरानी के लिए ऑपरेशनल गाइडलाइन का पालन करने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही राज्यों से दवाओं और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता जैसी अस्पताल की तैयारियों के साथ ही कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के खिलाफ टीकाकरण कवरेज का जायजा लेने का भी अनुरोध किया गया.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को एक पत्र में कहा, "पिछले कुछ महीनों में COVID-19 प्रक्षेपवक्र में काफी कमी आई है, लेकिन कुछ राज्यों में COVID-19 टेस्ट पॉजिटिविटी रेट में क्रमिक वृद्धि चिंताजनक मुद्दा है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है."
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को साझा आंकड़ों के अनुसार, दो जनवरी से पांच मार्च तक देश में एच3एन2 के 451 मामले सामने आए हैं. मंत्रालय ने कहा कि वह स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और माह के अंत से मामले घटने की उम्मीद है.
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, एच3एन2 एक ऐसा इंफ्लूएंजा वायरस है जो आमतौर पर सूअरों से मनुष्यों में फैलता है. इसके लक्षण मौसमी फ्लू वायरस के समान होते हैं. इसमें बुखार और खांसी एवं बलगम समेत श्वसन संबंधी समस्या के लक्षण दिखाई देते हैं. इसके अलावा कुछ मरीजों को शरीर में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त सहित अन्य समस्याएं भी होती हैं.
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