सुप्रीम कोर्ट ने AIFF का चुनाव एक हफ्ते के लिए टाल दिया है. फीफा ने AIFF को निलंबित कर दिया. केंद्र और AIFF का कहना है कि निलंबन 17 विश्व कप के तहत महिलाओं को प्रभावित करेगा. साथ ही भारतीय खिलाड़ी किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकते हैं. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि कुछ चिंताएं हैं, AIFF का प्रशासन एक निर्वाचित निकाय द्वारा संचालित किया जाना चाहिए. AIFF कार्यकारी परिषदों के आगामी चुनावों के लिए इलेक्टोरल कॉलेज और इसमें राज्य / केंद्र शासित प्रदेश संघों के सदस्य शामिल हैं. स्वतंत्र चुनावी समिति को नई कार्यकारी समिति के चुनावों की निगरानी करनी चाहिए.
ऑल इंडिया फुटबाल फेडरेशन विवाद पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से CoA का कार्यकाल समाप्त करने का आग्रह किया. इसके साथ ही जल्द से जल्द AIFF के फिर से चुनाव कराने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में कहा कि AIFF की निर्वाचित बॉडी इसकी देखरेख करें और CoA का कामकाज में दखल बंद हो . दरअसल FIFA के साथ केंद्र की बातचीत के आधार पर केंद्र ने आग्रह कर कहा कि AIFF का प्रशासन और प्रबंधन एक विधिवत निर्वाचित निकाय द्वारा किया जाना चाहिए. किसी भी मामले में तीसरे पक्ष द्वारा प्रबंधन ना हो. मतदाता सूची में केवल AIFF के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सदस्य संघों के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए, इसमें खिलाड़ी शामिल नहीं होने चाहिए.
एक नई कार्यकारी समिति के चुनाव कराने के लिए AIFF आम सभा द्वारा निर्वाचित एक स्वतंत्र चुनावी समिति हो. FIFA और AFC की आवश्यकताओं के अनुसार AIFF संविधान को संशोधित किया जाए. चुनाव जल्द से जल्द होना चाहिए और AIFF के कामकाज को संचालित करने के लिए एक निर्वाचित निकाय को फिर से शुरू करना चाहिए. AIFF चाहता है कि CoA की भूमिका 23 अगस्त को समाप्त हो जाए, चुनाव जल्द से जल्द हों. ताकि नव निर्वाचित बॉडा AIFF के मामलों को संभाल सके और FIFA निलंबन को रद्द कर सके.
खेल मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि CoA के गठन के पहले के आदेश को संशोधित किया जाए. FIFA ने भारतीय फुटबॉल के प्रशासन को लेकर चिंता जताई है. AIFF के निलंबन से भारतीय फुटबॉल और खिलाड़ियों के लिए "विनाशकारी परिणाम" हुए हैं क्योंकि FIFA तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार करने से इनकार कर रहा है. भारत सरकार के साथ संचार में FIFA ने कहा है कि खेलों का प्रशासन केवल विधिवत निर्वाचित बॉडी द्वारा किया जाना चाहिए
AIFF के लिए मतदाता सूची में केवल राज्य के खेल प्रशासक शामिल होने चाहिए, खिलाड़ी नहीं. खेल मंत्रालय की अर्जी में कहा- CoA द्वारा तैयार किया जा रहा मसौदा संविधान 23 अगस्त तक पेश किया जाए. निर्वाचक मंडल में बदलाव के लिए FIFA के सुझावों को मानना होगा. AIFF के लिए चुनाव प्रक्रिया फिर से शुरू करने की जरूरत है. फुटबाल मामले की सुनवाई शुरू होने पर केंद्र की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा ये राष्ट्रीय महत्व का मामला है और हम देश में वर्ल्ड कप की मेजबानी खो सकते हैं, हमारे खिलाड़ी खेल भी नहीं पाएंगे. ये हमारे लिए कोई खुशी की बात नहीं है. हमें निलंबित किया गया है.
इस निलंबन के विनाशकारी परिणाम हैं. निश्चित रूप से हमें कोई रास्ता निकालना होगा. फीफा की एक समान नीति है. भारत से अलग से उपचार किया जा रहा है. निलंबन आदेश मिलने के बाद हमने चर्चा की. उन्होंने परेशान करने वाले कुछ मुद्दों पर प्रकाश डाला. कुछ निहित स्वार्थ हो सकते हैं जिन्होंने कुछ भूमिका निभाई है. फीफा का कहना है कि प्रबंधन को एक निर्वाचित बॉडी के साथ रहने की जरूरत है. तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता
मतदाता सूची में केवल AIFF के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सदस्य संघों के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए और इसमें खिलाड़ी शामिल नहीं होने चाहिए. SG ने बाइचुंग भूटिया द्वारा दायर अर्जी का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट से संविधान के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाए. जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रशासकों की समिति (CoA) द्वारा रखा गया था और संशोधित मानदंडों के तहत चुनाव संपन्न होने की अनुमति दी जाए, वो एक लीजेंड हैं. वह फुटबॉल के सचिन तेंदुलकर या गावस्कर हैं. लेकिन कुछ लोग अनजाने में कुछ निहित स्वार्थों के लिए हैंडल बन सकते हैं. जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि अगर हम अभी CoA को रोक देते है तो चुनाव तक कामकाज कौन देखेगा ? SG- सेकेट्री जनरल हैं जो कामकाज देखेगे.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि हम चुनाव को एक हफ्ते टाल कर पांच सितंबर कर देंगे. फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई. जिस पर जल्द सुनवाई की मांग की गई. CJI एम वी रमना ने कहा कि वो लिस्ट करेंगे. भूटिया के वकील ने AIFF के लिए नए संविधान और प्रख्यात खिलाड़ियों के 36 सदस्यीय निर्वाचक मंडल के समर्थन में बहस की. भूटिया ने सुप्रीम कोर्ट से संविधान के मसौदे को अंतिम रूप देने का आग्रह किया
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