केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू कराने के लिए समीक्षा बैठक हुई.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने कहा है कि मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें पूरी तरह लागू कराई जाएं. केंद्र ने इस बारे में राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं. केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर श्रमजीवी पत्रकारों और गैर-पत्रकारों के लिए की गई मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों पर अमल की स्थिति की समीक्षा की.
सुप्रीम कोर्ट के हाल में आए फैसले की पृष्ठभूमि में यह बैठक हुई. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें पूरी तरह लागू करनी होंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने चार अहम मुद्दों - मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों के मुताबिक वेतन भुगतान, ‘वेरियेबल पे’ को स्वीकार करना, अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों पर इसे लागू करना और बकाया के भुगतान की अखबार संस्थानों की वित्तीय क्षमता - को भी स्पष्ट किया था.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों से वेज बोर्ड पर अमल से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. विज्ञप्ति में कहा गया कि उक्त कानून के मुताबिक वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की हैं.
वीडियो - क्या अख़बार समूह जल्द लागू करेंगे बोर्ड की सिफारिशें?
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘बैठक के दौरान राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन से कहा गया कि वे वेज बोर्ड की सिफारिशें अक्षरश: लागू करें.’’ विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भी श्रमजीवी पत्रकार कानून, 1955 के दायरे में लाने पर चर्चा की गई.’’ राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया कि वे इस बाबत अपनी राय से अवगत कराएं.
साल 2007 में पिछला वेज बोर्ड गठित किया गया था, लिहाजा नए वेज बोर्ड के गठन के मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा हुई.
(इनपुट एजेंसी से)
सुप्रीम कोर्ट के हाल में आए फैसले की पृष्ठभूमि में यह बैठक हुई. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें पूरी तरह लागू करनी होंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने चार अहम मुद्दों - मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों के मुताबिक वेतन भुगतान, ‘वेरियेबल पे’ को स्वीकार करना, अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों पर इसे लागू करना और बकाया के भुगतान की अखबार संस्थानों की वित्तीय क्षमता - को भी स्पष्ट किया था.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों से वेज बोर्ड पर अमल से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. विज्ञप्ति में कहा गया कि उक्त कानून के मुताबिक वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की हैं.
वीडियो - क्या अख़बार समूह जल्द लागू करेंगे बोर्ड की सिफारिशें?
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘बैठक के दौरान राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन से कहा गया कि वे वेज बोर्ड की सिफारिशें अक्षरश: लागू करें.’’ विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भी श्रमजीवी पत्रकार कानून, 1955 के दायरे में लाने पर चर्चा की गई.’’ राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया कि वे इस बाबत अपनी राय से अवगत कराएं.
साल 2007 में पिछला वेज बोर्ड गठित किया गया था, लिहाजा नए वेज बोर्ड के गठन के मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा हुई.
(इनपुट एजेंसी से)
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