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This Article is From Mar 14, 2024

केंद्र ने 'अश्लील' कंटेंट को लेकर भारत में 18 स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को किया ब्लॉक

केंद्र ने कहा है कि ऐसे अश्लील कंटेंट को प्रथम दृष्टया आईटी अधिनियम की धारा 67 और 67ए, आईपीसी की धारा 292 और महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 का उल्लंघन माना गया है.

केंद्र ने 'अश्लील' कंटेंट को लेकर भारत में 18 स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को किया ब्लॉक
सरकार ने अश्लील कंटेंट को लेकर उठाया बड़ा कदम
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने इंटरनेट पर 'अश्लील' कंटेट उपलब्ध कराने वाले प्लेटफॉर्म पर बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे 18 OTT प्लेटफॉर्म को तुरंत प्रभाव से ब्लॉक कर दिया है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान में गुरुवार को कहा गया है कि 19 वेबसाइट्स, 10 ऐप्स (Google Play Store पर 7 और Apple App Store पर 3), और इन प्लेटफार्मों से जुड़े 57 सोशल मीडिया अकाउंट भारत में बैन कर दिए गए हैं. 

सरकार ने पहले भी दी थी हिदायत

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बार-बार 'रचनात्मक अभिव्यक्ति' की आड़ में अश्लीलता और दुर्व्यवहार का प्रचार न करने के लिए प्लेटफार्मों की जिम्मेदारी पर जोर दिया है.जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि 12 मार्च को ठाकुर ने घोषणा की कि अश्लील सामग्री प्रकाशित करने वाले 18 OTT प्लेटफार्म को हटा दिया गया है.

जारी बयान में आगे कहा गया है कि हालिया निर्णय भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों और मीडिया और मनोरंजन, महिला अधिकारों और बाल अधिकारों में विशेषज्ञता वाले डोमेन विशेषज्ञों के परामर्श से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के तहत लिया गया था.

सरकार ने की कार्रवाई

आगे कहा गया है कि इन प्लेटफार्म पर होस्ट की गई सामग्री का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अश्लील और महिलाओं को अपमानजनक तरीके से चित्रित करने वाला पाया गया. इसमें विभिन्न अनुचित संदर्भों में नग्नता और यौन कृत्यों को दर्शाया गया है, जैसे कि शिक्षकों और छात्रों के बीच संबंध, अनाचारपूर्ण पारिवारिक रिश्ते, आदि. ऐसे कंटेंट में यौन संकेत और, कुछ मामलों में, किसी भी विषयगत या सामाजिक प्रासंगिकता से रहित अश्लील और यौन रूप से स्पष्ट दृश्यों के लंबे खंड भी शामिल थे. 

विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसे कंटेंट को प्रथम दृष्टया आईटी अधिनियम की धारा 67 और 67ए, आईपीसी की धारा 292 और महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 का उल्लंघन माना गया है.

ओटीटी ऐप्स में से एक एप को 1 करोड़ से अधिक डाउनलोड मिले, जबकि दो अन्य को Google Play Store पर 50 लाख से अधिक डाउनलोड मिले. इसके अतिरिक्त, ये OTT प्लेटफॉर्म दर्शकों को अपनी वेबसाइटों और ऐप्स की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से ट्रेलरों, विशिष्ट दृश्यों और बाहरी लिंक को प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं. इसमें कहा गया है कि संबंधित OTT प्लेटफार्मों के सोशल मीडिया खातों पर 32 लाख से अधिक फॉलोवर्स हैं. 

बयान में कहा गया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय लगातार बैठकों, वेबिनार, कार्यशालाओं आदि के माध्यम से आईटी नियम, 2021 के तहत स्थापित ओटीटी प्लेटफार्मों और उनके स्व-नियामक निकायों के साथ संवेदीकरण प्रयास करता है. 

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