सारदा चिटफंड घोटाले में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार (Rajeev Kumar) से पूछताछ करने पहुंची सीबीआई टीम को हिरासत लेने और इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरने पर बैठने के बाद कोलकाता में हाईवोल्टेज सियासी ड्रामा जारी है. एक तरफ, ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) का आरोप है कि केंद्र सरकार CBI का सियासी इस्तेमाल कर रही है. तो दूसरी तरफ, बीजेपी ने भी ममता की अगुवाई वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर भ्रष्टाचारियों को बचाने का आरोप लगाया है. सारदा चिट फंड घोटाले (Sarada Chit Fund Scam) की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी तक इस मामले में सारदा के एजेंट समेत 60 से ज्यादा लोगों के शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिल चुके हैं. यहां तक कि इस घोटाले के प्रमुख आरोपियों में शामिल कुणाल घोष भी आत्महत्या का प्रयास कर चुके हैं. कुणाल घोष सत्तारूढ़ टीएमसी के सांसद रहे हैं. बाद में घोटाले में नाम आने के बाद पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था.
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व्यापम की तरह 'मौत का कुआं' बना सारदा घोटाला
करीब 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक के सारदा चिट फंड (Sarada Chit Fund Scam) की कहानी मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से मिलती-जुलती है. व्यापम घोटाले में कथित तौर पर करीब 40 लोगों का संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला. ये ऐसे लोग थे जो व्यापम से जुड़े थे और कथित तौर पर घोटाले के अंदर की कहानी जानते थे. आरोप लगा कि घोटाले का राजफ़ाश न हो, इसलिये इन्हें रास्ते से हटा दिया गया. ठीक इसी तरह सारदा घोटाले में भी कंपनी के कई एजेंट और अन्य महत्वपूर्ण लोगों के शव मिले. हालांकि कई एजेंट के बारे में कहा गया कि उन्होंने ग्राहकों के दबाव में सुसाइड किया, लेकिन यह भी आरोप लगे कि ये सभी सारदा घोटाले के 'राजदार' थे और काफी कुछ जानते थे. इस वजह से उन्हें रास्ते से हटा दिया गया.
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करीब 10 लाख लोगों का पैसा डूबा
सारदा घोटाले की जद में सिर्फ बंगाल ही नहीं पड़ोसी ओडिशा और असम के लोग भी आए. 34 गुना ज्यादा पैसा वापस करने के वादे का साथ क़रीब 10 लाख लोगों से पैसे लिए गए. जिसमें बाद में कंपनी लोगों के पैसे लेकर फरार हो गई. इस घोटाले (Sarada Chit Fund Scam) में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी के कई नेताओं का नाम सामने आया और उन्हें जेल तक जाना पड़ा. टीएमसी के नेताओं को ही इस घोटाले का मुख्य सूत्रधार भी कहा गया, हालांकि ममता बनर्जी लगातार इससे इनकार करती रही हैं. साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का CBI जांच का आदेश दिया और अब केंद्रीय एजेंसी मामले की जांच कर रही है.
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