केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने खुद को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का अधिकारी बताकर लोगों से कथित रूप से धन ऐंठने को लेकर गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति के साथ संबंध होने के संदेह में गुरुवार को तेलंगाना के मंत्री गांगुला कमलाकर और राज्यसभा सदस्य वद्दीराजू रविचंद्र से सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि सीबीआई तेलंगाना के नागरिक आपूर्ति मंत्री कमलाकर और राज्यसभा सदस्य रविचंद्र से पूछताछ कर रही है, क्योंकि जांच में यह सामने आया कि बहुरूपिया कोव्वी रेड्डी श्रीनिवास राव कथित रूप से उन दोनों के संपर्क में था और उससे पूछताछ के दौरान कुछ ‘‘सौदेबाजी'' की बातें भी सामने आईं. ये दोनों नेता तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता हैं.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘दोनों नेता अब तक इस मामले में गवाह नहीं हैं. वे प्राथमिकी में नामजद आरोपी नहीं हैं. उनकी भूमिका का अब भी मूल्यांकन किया जा रहा है.'' अधिकारियों के अनुसार, ये दोनों नेता यहां 11 बजकर 25 मिनट पर सीबीआई मुख्यालय पहुंचे और उन्हें पूछताछ के लिए निर्धारित कक्ष में ले जाया गया.
सोमवार को सीबीआई ने विशाखापट्टनम निवासी राव को गिरफ्तार किया था, जो यहां तमिलनाडु भवन में खुद को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बताते हुए कथित रूप से कुछ लोगों से मिला था और उनसे महंगे उपहार मांगे थे.
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, राव खुद को सीबीआई का संयुक्त निदेशक बता रहा था और 22 नवंबर को दिल्ली आने के बाद उसने छह लोगों से मुलाकात की और सरकारी प्राधिकारियों के पास उनके खिलाफ लंबित मामलों में फैसला कथित रूप से उनके पक्ष में कराने की पेशकश की.
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि राव ने रोजगार दिलाने से लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंधित अवधि में एक निजी कंपनी के वाहनों को प्रवेश दिलाने तक अपने शिकारों को विभिन्न समस्याओं का समाधान करने का भरोसा दिलाया और उसके एवज में पैसे एवं उपहार मांगे. उसने उनके सामने दावा किया कि ये चीजें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों तक पहुंचानी होती हैं.
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