प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
सरकार ने सोमवार को वित्त वर्ष 2017-18 के लिये आयकर रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की समयसीमा एक पखवाड़ा आगे बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी. एक पखवाड़े के भीतर यह दूसरा मौका है जब आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा बढ़ायी गयी है. जिनके खातों का ऑडिट जरूरी होता है, इससे पहले, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ऐसे करदाताओं के लिये रिटर्न भरने की समयसीमा को 30 सितंबर से बढ़ाकर 15 अक्टूबर कर दिया था. अब इस समयसीमा को एक पखवाड़ा और बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दिया गया है.
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सीबीडीटी ने एक बयान में कहा, ‘‘विभिन्न पक्षों से मिले पत्रों पर विचार करते हुए सीबीडीटी ने आयकर रिटर्न के साथ ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख 15 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2018 कर दी है. समयसीमा में यह बढ़ोतरी बताई गई श्रेणी के करदाताओं के लिये की गयी है.’’
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बोर्ड के अनुसार, जो करदाता आयकर रिटर्न बढ़ी हुई समयसीमा के भीतर दाखिल करते हैं, उन पर आयकर कानून 1961 की धारा 234ए के प्रावधानों के तहत ब्याज देनदारी बनेगी.
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सीबीडीटी ने एक बयान में कहा, ‘‘विभिन्न पक्षों से मिले पत्रों पर विचार करते हुए सीबीडीटी ने आयकर रिटर्न के साथ ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख 15 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2018 कर दी है. समयसीमा में यह बढ़ोतरी बताई गई श्रेणी के करदाताओं के लिये की गयी है.’’
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बोर्ड के अनुसार, जो करदाता आयकर रिटर्न बढ़ी हुई समयसीमा के भीतर दाखिल करते हैं, उन पर आयकर कानून 1961 की धारा 234ए के प्रावधानों के तहत ब्याज देनदारी बनेगी.
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