नई दिल्ली:
लगभग 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज़ों को नहीं चुकाने, यानी 'डिफॉल्ट' करने के मामले में भारत में वांछित उद्योगपति विजय माल्या ने दिल्ली की एक अदालत को बताया है कि वह अदालत के सामने पेश इसलिए नहीं हो सकते हैं, क्योंकि उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है.
उनकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स द्वारा लिए गए लगभग एक अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज को नहीं चुकाने के आरोप में विजय माल्या को 'जानबूझकर डिफॉल्ट करने वाला' घोषित किया जा चुका है.
मार्च महीने में वह लंदन चले गए थे, और वापस आने से यह कहकर इंकार कर दिया था कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि उनके मामले में निष्पक्ष सुनवाई होगी. राज्यसभा सदस्य की हैसियत से उनके पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट (राजनयिक पासपोर्ट) था, जिसे सरकार ने अप्रैल में रद्द कर दिया था. 60-वर्षीय उद्योगपति संसद से इस्तीफा दे चुके हैं. इसके बाद मुंबई की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी कर दिया था.
दिल्ली की जिस अदालत में विजय माल्या ने शुक्रवार को पेश नहीं होने के कारण के रूप में पासपोर्ट नहीं होने का तर्क दिया, वह उनके खिलाफ वर्ष 2000 में विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन करने के मामले की सुनवाई कर रही है. वित्तीय अपराधों पर नज़र रखने वाले प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि उन्होंने फॉर्मूला वन रेस में अपनी कंपनी किंगफिशर का प्रचार करने की खातिर विदेशी कंपनियों को किए भुगतान के लिए ज़रूरी स्वीकृतियां नहीं ली थीं. फॉर्मूला वन रेस में वह फोर्स इंडिया टीम के मालिक हैं.
विजय माल्या को यूनाइटेड किंगडम से डिपोर्ट भी नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनके पास वर्ष 1992 से ही वहां रेज़िडेंसी का अधिकार है.
उनकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स द्वारा लिए गए लगभग एक अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज को नहीं चुकाने के आरोप में विजय माल्या को 'जानबूझकर डिफॉल्ट करने वाला' घोषित किया जा चुका है.
मार्च महीने में वह लंदन चले गए थे, और वापस आने से यह कहकर इंकार कर दिया था कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि उनके मामले में निष्पक्ष सुनवाई होगी. राज्यसभा सदस्य की हैसियत से उनके पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट (राजनयिक पासपोर्ट) था, जिसे सरकार ने अप्रैल में रद्द कर दिया था. 60-वर्षीय उद्योगपति संसद से इस्तीफा दे चुके हैं. इसके बाद मुंबई की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी कर दिया था.
दिल्ली की जिस अदालत में विजय माल्या ने शुक्रवार को पेश नहीं होने के कारण के रूप में पासपोर्ट नहीं होने का तर्क दिया, वह उनके खिलाफ वर्ष 2000 में विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन करने के मामले की सुनवाई कर रही है. वित्तीय अपराधों पर नज़र रखने वाले प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि उन्होंने फॉर्मूला वन रेस में अपनी कंपनी किंगफिशर का प्रचार करने की खातिर विदेशी कंपनियों को किए भुगतान के लिए ज़रूरी स्वीकृतियां नहीं ली थीं. फॉर्मूला वन रेस में वह फोर्स इंडिया टीम के मालिक हैं.
विजय माल्या को यूनाइटेड किंगडम से डिपोर्ट भी नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनके पास वर्ष 1992 से ही वहां रेज़िडेंसी का अधिकार है.
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