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This Article is From Jun 20, 2021

कोरोना से हुई मौतों पर 4 लाख का मुआवजा नहीं दे सकते, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी

Covid-19 Death Compensation: सुप्रीम कोर्ट में कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने के संबंध में दाखिल याचिका का केंद्र सरकार ने जवाब दिया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि परिवारों को 4 लाख का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है.

Covid-19 Death: कोरोना से मौत पर मुआवजे की याचिका पर केंद्र ने SC को दिया जवाब. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कोरोना से जान गंवाने (Covid-19 Death) वालों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने के संबंध में दाखिल याचिका का केंद्र सरकार (Central Govt) ने जवाब दिया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि  कोरोना से जान गंवाने वाले परिवारों को 4 लाख का मुआवजा (Corona Death Compensation) नहीं दिया जा सकता है. आपदा प्रबंधन कानून के तहत अनिवार्य मुआवजा केवल प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ आदि पर ही लागू होता है. एक बीमारी के लिए अनुग्रह राशि देना और दूसरी के लिए इसे अस्वीकार करना अनुचित होगा. सभी कोरोना पीड़ितों को मुआवजे का भुगतान राज्यों के वित्तीय सामर्थ्य से बाहर है. सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में केंद्र और राज्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का अनुरोध किया गया है. सुप्रीम कोर्ट मामले में सोमवार को सुनवाई करेगा.

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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामें में कहा कि कोरोना के प्रसार और प्रभाव के कारण प्राकृतिक आपदाओं के लिए मुआवजे को लागू करना उचित नहीं होगा. इसे कोरोना महामारी पर लागू नहीं किया जा सकता है. केंद्र और राज्य पहले ही टैक्स राजस्व में कमी और स्वास्थ्य खर्च में वृद्धि के कारण गंभीर वित्तीय दबाव में हैं. अनुग्रह राशि देने के लिए संसाधनों का उपयोग महामारी के खिलाफ कार्यवाही और स्वास्थ्य व्यय को प्रभावित कर सकता है. ये अच्छा करने की बजाए नुकसान का कारण बन सकता है. महामारी के कारण 3,85,000 से अधिक मौतें हुई हैं जिनके और भी बढ़ने की संभावना है.

केंद्र ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसले ही कहते हैं कि नीतिगत मामलों को कार्यपालिका पर छोड़ देना चाहिए और अदालत कार्यपालिका की ओर से निर्णय नहीं ले सकती. कोरोना पीड़ितों के लिए डेथ सर्टिफिकेट पर केंद्र ने कहा कि कोविड से हुई मौतों को मृत्यु प्रमाणपत्रों में कोविड मौतों के रूप में प्रमाणित किया जाएगा. कोविड मौतों को प्रमाणित करने में विफल रहने पर प्रमाणित करने वाले डॉक्टरों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 मई को कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. दरअसल, कोर्ट ने कोविड-19 से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के लिए समान नीति की मांग वाली याचिका पर सरकार से सवाल किया कि क्या कोरोना से पीड़ित लोगों के लिए कोई एक समान पॉलिसी है?

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एमआर शाह की  पीठ ने केंद्र को कोविड-19 से मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.

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