नई दिल्ली:
पूरब का आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का दबदबा UPSC के इम्तहान में फिर बढ़ रहा है. 2010 में UPSC की मुख्य परीक्षा में बदलाव करने से इलाहाबाद में तैयारी करने वाले छात्रों का यूपीएससी में सफल होने का सिलसिला लगभग खत्म सा हो गया था. लेकिन इस साल के UPSC परीक्षा के टॉप फाइव में से इलाहाबाद के दो छात्र के आने से इलाहाबाद में तैयारी करने वाले छात्रों का मनोबल बढ़ गया है.
इलाहाबाद की सौम्या पांडेय ने चौथा स्थान और अभिलाष ने पांचवा स्थान प्राप्त करके इलाहाबाद में तैयारी कर रहे करीब दस हजार छात्रों के सपनों को नई उड़ान दे दी है. इलाहाबाद से इंजीनियरिंग करके अपने पहले प्रयास में सफल हुई सौम्या पांडेय बताती हैं कि UPSC की तैयारी के लिए हर कोई उन्हें दिल्ली जाने की सलाह देता था. इसी के चलते तीन दिन दिल्ली में रहकर उन्होंने कोचिंग क्लास भी ली. लेकिन दिल्ली का माहौल रास नहीं आया फिर उन्होंने इलाहाबाद आकर ही तैयारी करने का फैसला किया. ध्येय आईएएस कोचिंग में भूगोल और जनरल स्टडी की दो साल तक तैयारी की. नतीजा सबके सामने हैं.
यूपीएससी की तैयारी के लिए अब तक दिल्ली को सबसे ज्यादा मुफीद माना जाता रहा है. लेकिन इस साल यूपीएससी परीक्षा में टॉप फाइव में दिल्ली का कोई भी परीक्षार्थी अपना स्थान नहीं बना पाया. जबकि इलाहाबाद के करीब पचास से ज्यादा छात्र यूपीएससी परीक्षा में बाजी मारी है. ध्येय कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर क्यूएच खान बताते हैं कि पहले इलाहाबाद में तैयारी करने वाले छात्र वैकल्पिक विषयों पर ज्यादा ध्यान देते थे.
इसी के चलते जब पैटर्न में बदलाव हुआ तो इलाहाबादी छात्र पिछड़ गए. लेकिन बीते पांच सालों में इलाहाबाद के छात्र समझ चुके हैं कि अब यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने का एक मात्र सूत्र जानकारी नहीं है बल्कि किसी भी विषय का आलोचनात्मक विश्लेषण करना भी है. यूपीएससी में सफल होने वाले इलाहाबाद के मंयक मिश्रा बताते हैं कि पहले मार्गदर्शन करने वाली ज्यादातर फैकल्टी दिल्ली में रहती थी. इसी के चलते छात्र तैयारी करने के लिए दिल्ली जाते थे. लेकिन अब इलाहाबाद में ही तीन से चार स्टडी सेंटर ऐसे हैं जहां की सारी फैकल्टी दिल्ली से इलाहाबाद आकर यहां के छात्रों का मार्गदर्शन करती है.
यूपीएससी परीक्षा में छात्रों का रुझान जैसे-जैसे बढ़ रहा है कोचिंग कराने वालों की तादात में भी इजाफा हो रहा है. इस वक्त करीब छोटी बड़ी करीब डेढ़ सौ कोचिंग सेंटर इलाहाबाद में है लेकिन तीन से चार ऐसे सेंटर हैं जिनको पढ़ाने वाले लोग दिल्ली से आते हैं और ऑनलाइन अध्ययन सामग्री अब छात्रों को मुहैया होने से छोटे और मझोले शहरों के छात्र भी अपना डंका बजा रहे है.
इलाहाबाद की सौम्या पांडेय ने चौथा स्थान और अभिलाष ने पांचवा स्थान प्राप्त करके इलाहाबाद में तैयारी कर रहे करीब दस हजार छात्रों के सपनों को नई उड़ान दे दी है. इलाहाबाद से इंजीनियरिंग करके अपने पहले प्रयास में सफल हुई सौम्या पांडेय बताती हैं कि UPSC की तैयारी के लिए हर कोई उन्हें दिल्ली जाने की सलाह देता था. इसी के चलते तीन दिन दिल्ली में रहकर उन्होंने कोचिंग क्लास भी ली. लेकिन दिल्ली का माहौल रास नहीं आया फिर उन्होंने इलाहाबाद आकर ही तैयारी करने का फैसला किया. ध्येय आईएएस कोचिंग में भूगोल और जनरल स्टडी की दो साल तक तैयारी की. नतीजा सबके सामने हैं.
यूपीएससी की तैयारी के लिए अब तक दिल्ली को सबसे ज्यादा मुफीद माना जाता रहा है. लेकिन इस साल यूपीएससी परीक्षा में टॉप फाइव में दिल्ली का कोई भी परीक्षार्थी अपना स्थान नहीं बना पाया. जबकि इलाहाबाद के करीब पचास से ज्यादा छात्र यूपीएससी परीक्षा में बाजी मारी है. ध्येय कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर क्यूएच खान बताते हैं कि पहले इलाहाबाद में तैयारी करने वाले छात्र वैकल्पिक विषयों पर ज्यादा ध्यान देते थे.
इसी के चलते जब पैटर्न में बदलाव हुआ तो इलाहाबादी छात्र पिछड़ गए. लेकिन बीते पांच सालों में इलाहाबाद के छात्र समझ चुके हैं कि अब यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने का एक मात्र सूत्र जानकारी नहीं है बल्कि किसी भी विषय का आलोचनात्मक विश्लेषण करना भी है. यूपीएससी में सफल होने वाले इलाहाबाद के मंयक मिश्रा बताते हैं कि पहले मार्गदर्शन करने वाली ज्यादातर फैकल्टी दिल्ली में रहती थी. इसी के चलते छात्र तैयारी करने के लिए दिल्ली जाते थे. लेकिन अब इलाहाबाद में ही तीन से चार स्टडी सेंटर ऐसे हैं जहां की सारी फैकल्टी दिल्ली से इलाहाबाद आकर यहां के छात्रों का मार्गदर्शन करती है.
यूपीएससी परीक्षा में छात्रों का रुझान जैसे-जैसे बढ़ रहा है कोचिंग कराने वालों की तादात में भी इजाफा हो रहा है. इस वक्त करीब छोटी बड़ी करीब डेढ़ सौ कोचिंग सेंटर इलाहाबाद में है लेकिन तीन से चार ऐसे सेंटर हैं जिनको पढ़ाने वाले लोग दिल्ली से आते हैं और ऑनलाइन अध्ययन सामग्री अब छात्रों को मुहैया होने से छोटे और मझोले शहरों के छात्र भी अपना डंका बजा रहे है.
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