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This Article is From Nov 16, 2011

कैग की आलोचना पर मंत्रियों-नेताओं पर बरसे जोशी

नई दिल्ली: संसद की लोकलेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी ने बुधवार को फिर एक बार भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की आलोचना करने वाले मंत्रियों और सांसदों को आड़े हाथों लिया। डॉ जोशी ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्ष (कैग) के कार्यक्रम में कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाल में संसद में पेश की गई कैग रिपोर्टों में कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियों पर मीडिया के एक हिस्से और यहां तक कि कुछ सांसदों ने इस संस्थान की साख को कमजोर करने का प्रयास किया। डॉ जोशी ने कहा कि कैग को संविधान में राष्ट्र का लेखापरीक्षक होने का दर्जा दिया गया है। भारतीय लोक प्रणाली में कैग कार्यकारिणी की विधायिका के प्रति जवाबदेही का काम करता है। उन्होंने कहा कि खर्च करने वाले सरकारी विभाग संसद और राज्य विधानसभाओं के प्रति जवाबदेह हैं। इसमें उनके खर्च की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को ही परखने की व्यवस्था है। संविधान के तहत कैग को यह भूमिका दी गई है। उल्लेखनीय है कि हाल में कैग की 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर संसद में पेश रिपोर्ट को लेकर सत्तापक्ष में काफी उहापोह की स्थिति रही है। रिपोर्ट में स्पेक्ट्रम आवंटन में सरकारी खजाने को 1,76,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया। रिपोर्ट आने के बाद संप्रग सरकार में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा को इस्तीफा देना पड़ा और इस समय वह जेल में हैं। एक सांसद और दूरसंचार कंपनियों के कई शीर्ष पदाधिकारी भी जेल में हैं। संसद की संयुक्त संसदीय समिति मामले की जांच कर रही है, जबकि लोकलेखा समिति भी कैग रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई कर रही है।

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कैग, डॉ मुरली मनोहर जोशी, CAG, Dr MM. Joshi
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