केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी. इससे विदेशों से आने वाले बौद्ध तीर्थयात्रियों को आसानी होगी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि बौद्ध सर्किट में कुशीनगर का महत्वपूर्ण स्थान है. इसके पास ही लुंबिनी, श्रावस्ती, कपिलवस्तु जैसे प्रमख बौद्ध तीर्थ स्थल हैं जबकि थोड़ी दूरी पर सारनाथ और गया जैसे स्थान हैं. उन्होंने कहा, ‘वहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कोई हवाई अड्डा नहीं था. कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किया जा रहा है. तीन किलोमीटर लंबा रनवे पहले ही बनाया जा चुका है. अब, एयरबस जैसा बड़ा विमान भी हवाई अड्डे पर उतर सकता है.'
बाद में केंद्र सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि थाईलैंड, कंबोडिया, जापान, म्यामां आदि देशों से लगभग 200-300 श्रद्धालु हर दिन कुशीनगर में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. कुशीनगर एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थल है, जहां गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था. इसमें कहा गया है कि इस अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल का कोई सीधा संपर्क नहीं है और लंबे समय से इसकी मांग होती रही है. बयान में कहा गया कि बौद्ध सर्किट दुनिया भर में बौद्धों धर्म मानने वाले 53 करोड़ लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है.
सरकार ने कहा कि कुशीनगर के पास कई अन्य बौद्ध स्थल मौजूद हैं जैसे श्रावस्ती (238 किमी), कपिलवस्तु (190 किमी) और लुम्बिनी (195 किमी). बयान में कहा गया है कि कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने से हवाई यात्रियों को प्रतिस्पर्धात्मक लागत पर ज्यादा विकल्प मिल सकेंगे तथा घरेलू व अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिल सकेगा. इसके साथ ही क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी.
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