नई दिल्ली:
मौजूदा बुलेट प्रूफ जैकेटों की मियाद अगले वर्ष समाप्त होने और नयी जैकेटों की खरीद नहीं किए जाने को संसद की एक समिति ने बेहद गंभीर मसला बताने के साथ ही रक्षा मंत्रालय को चेतावनी दी है कि वह सैनिकों की जिंदगियों से न खेले।
रक्षा मंत्रालय संबंधी संसद की स्थायी समिति ने लोकसभा में पेश की गयी अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘यह व्यथित करने वाला है कि 1,86,138 बुलेट प्रूफ जैकेटों की खरीद अभी तक नहीं हो पायी है जबकि इनके लिए 19 अक्टूबर 2009 को रक्षा अधिग्रहण परिषद का अनुमोदन प्राप्त हो गया था और सात दिसंबर 2012 को पूंजी रूट के माध्यम से प्रस्ताव के लिए अनुरोध जारी कर दिया गया था।
समिति ने खरीद प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के मंत्रालय के जवाब से असंतोष जाहिर करते हुए कहा है कि रक्षा अधिग्रहण परिषद के पश्चात खरीद में छह वर्ष से अधिक का समय लगा दिया गया है। समिति ने इस बात पर हैरानी जतायी है कि बुलेट प्रूफ जैकेटों की भारी कमी को समिति द्वारा पिछली रिपोर्ट में उठाए जाने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है जो कि चिंताजनक है।
समिति ने इस बात पर हैरानी जतायी है कि वर्तमान बुलेट प्रूफ जैकेटों की मियाद अगले वर्ष समाप्त हो जाएगी। यह भी एक तथ्य है कि वर्ष 2009 के बाद से 1,86,138 जैकेटों के अलावा कोई नया खरीद प्रस्ताव नहीं लाया गया जिसकी आवश्यकता का मूल्यांकन 2009 से पहले किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह एक मानव निर्मित अति गंभीर मुद्दा है। मंत्रालय को थलसेना के कार्मिकों के जीवन से नहीं खेलना चाहिए और जैकेट प्रदान नहीं करके उन्हें अपरिहार्य खतरों में नहीं डालना चाहिए।’ समिति ने सिफारिश की है कि जैकेटों की खरीद अत्याधिक तेजी से की जाए ताकि हजारों सैनिकों के जीवन को बचाया जा सके।
रक्षा मंत्रालय संबंधी संसद की स्थायी समिति ने लोकसभा में पेश की गयी अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘यह व्यथित करने वाला है कि 1,86,138 बुलेट प्रूफ जैकेटों की खरीद अभी तक नहीं हो पायी है जबकि इनके लिए 19 अक्टूबर 2009 को रक्षा अधिग्रहण परिषद का अनुमोदन प्राप्त हो गया था और सात दिसंबर 2012 को पूंजी रूट के माध्यम से प्रस्ताव के लिए अनुरोध जारी कर दिया गया था।
समिति ने खरीद प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के मंत्रालय के जवाब से असंतोष जाहिर करते हुए कहा है कि रक्षा अधिग्रहण परिषद के पश्चात खरीद में छह वर्ष से अधिक का समय लगा दिया गया है। समिति ने इस बात पर हैरानी जतायी है कि बुलेट प्रूफ जैकेटों की भारी कमी को समिति द्वारा पिछली रिपोर्ट में उठाए जाने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है जो कि चिंताजनक है।
समिति ने इस बात पर हैरानी जतायी है कि वर्तमान बुलेट प्रूफ जैकेटों की मियाद अगले वर्ष समाप्त हो जाएगी। यह भी एक तथ्य है कि वर्ष 2009 के बाद से 1,86,138 जैकेटों के अलावा कोई नया खरीद प्रस्ताव नहीं लाया गया जिसकी आवश्यकता का मूल्यांकन 2009 से पहले किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह एक मानव निर्मित अति गंभीर मुद्दा है। मंत्रालय को थलसेना के कार्मिकों के जीवन से नहीं खेलना चाहिए और जैकेट प्रदान नहीं करके उन्हें अपरिहार्य खतरों में नहीं डालना चाहिए।’ समिति ने सिफारिश की है कि जैकेटों की खरीद अत्याधिक तेजी से की जाए ताकि हजारों सैनिकों के जीवन को बचाया जा सके।
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