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This Article is From May 12, 2017

बसपा से निष्‍कासित नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा-मेरे पुरखों के पास 5000 बीघा जमीन थी

खुद नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं. इस संबंध में एक इंटरव्‍यू में अपनी प्रॉपर्टी से जुड़े सवाल पर जब उनसे पूछा गया कि आप तो बसपा में महज एक सिपाही थे तो आपके पास इतनी संपत्ति कहां से आगे गई. इस पर नाराज होते हुए सिद्दीकी ने कहा, आप लोगों को नहीं पता कि मेरे पिता, दादा, उनके पिता और परदादा क्‍या करते थे.

बसपा से निष्‍कासित नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा-मेरे पुरखों के पास 5000 बीघा जमीन थी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को 'टेपिंग ब्‍लैकमेलर' करार दिया.
बसपा में नंबर दो की हैसियत रखने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पार्टी से निकाले जाने के बाद ऑडियो टेप जारी कर सुप्रीमो मायावती के खिलाफ संगीन आरोप लगाए हैं. उन्‍होंने एक ऑडियो टेप सुनाते हुए कहा है कि मैंने मायावती के पैसे की मांग के संबंध में कहा था कि मैं अपनी प्रॉपर्टी बेचकर पैसा दे दूंगा. हालांकि खुद सिद्दीकी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं. इस संबंध में दैनिक जागरण अखबार को दिए एक इंटरव्‍यू में अपनी प्रॉपर्टी से जुड़े सवाल पर जब उनसे पूछा गया कि आप तो बसपा में महज एक सिपाही थे तो आपके पास इतनी संपत्ति कहां से आगे गई. इस पर नाराज होते हुए सिद्दीकी ने कहा, आप लोगों को नहीं पता कि मेरे पिता, दादा, उनके पिता और परदादा क्‍या करते थे. उन्‍होंने कहा, ''मेरे पिता का नाम कमरुद्दीन, दादा का नाम जहूरउद्दीन, उनके पिता का नाम मुहीउद्दीन और उनके पिता का नाम तैयबउद्दीन था. सीबीआई, ईडी ने भी अपनी जांच में माना है कि तैयबउद्दीन के पास 5013 बीघा जमीन थी. ताज कॉरीडोर जांच में सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मेरे पास आय से अधिक संपत्ति नहीं है.''

उधर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के ऑडियो टेप जारी करने के बाद गुरुवार शाम को सफाई देते हुए मायावती ने उनको 'टेपिंग ब्लैकमेलर' बताया. पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि नसीमुद्दीन ने पार्टी की सदस्यता अभियान में जमा हुआ करीब 50 फीसदी धन पार्टी कोष में जमा नहीं किया, इसलिए उन्हें पार्टी से निकाला गया.

मायावती ने नसीमुद्दीन को एक आधारहीन नेता बताते हुए कहा कि वह ऐसे ही फोन टैप कर पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से पैसे वसूल करते थे. वह पार्टी में अच्छे और काबिल मुसलमान नेताओं को आने ही नहीं देना चाहते थे. मायावती ने पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को ईमानदार और स्वच्छ छवि वाला नेता बताया. नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा प्रेस वार्ता में मायावती पर लगाए गए आरोपों के बाद शाम को बसपा सुप्रीमो ने मीडिया को बुलाया.

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