बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है. लेकिन फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?' बसपा सुप्रीमो मायावती ने आगे कहा, 'कांग्रेस को इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिये. वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी.'
1. शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) December 15, 2019
बता दें कि एक दिन पहले ही दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित 'भारत बचाओ रैली' में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि मेरा नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है, जो माफी मांगूंगा. राहुल ने यह बात अपने 'रेप इन इंडिया' वाले बयान पर बीजेपी (BJP) की माफी मांगने की मांग को लेकर कही थी. राहुल के इस बयान पर बीजेपी के साथ ही महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन में बैठी शिवसेना (Shiv Sena) ने भी नाराजगी जाहिर की थी.
बीजेपी ने कहा- राहुल गांधी 'सावरकर' हो नहीं सकते, उनके लिए ‘राहुल जिन्ना' नाम अधिक उपयुक्त
शिवसेना (Shiv Sena) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के तंज पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि हिंदुत्व विचारक के प्रति श्रद्धा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता. शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने ट्वीट किया, कि '‘वीर सावरकर न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देश के लिए आदर्श हैं. सावरकर का नाम राष्ट्र और स्वयं के बारे में गौरव को दर्शाता है. नेहरू और गांधी की तरह सावरकर ने भी देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया. ऐसे प्रत्येक आदर्श को पूजनीय मानना चाहिए. इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता.”
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