
राफेल पर 'द हिंदू' (The Hindu) के नए खुलासे के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. मायावती (Mayawati) ने कहा कि द हिन्दू अंग्रेजी अख़बार ने राफेल मामले में नया रहस्योदघाटन किया है. बीजेपी व आरएसएस वालों के लिये चौकीदार का महत्व है, उसकी ईमानदारी का नहीं. भ्रष्टाचार-मुक्ति, ईमानदारी, देशहित व राष्ट्रीय सुरक्षा सब कुछ चौकीदार पर न्योछावर कर दिया है. अब चुनाव के समय चौकीदार सरकारी ख़र्चे पर देश भर में घूम-घूम कर सफाई दे रहें है कि वह बेईमान नहीं है, बल्कि ईमानदार है. देश को सोचना है कि ऐसे चौकीदार का आख़िर क्या किया जाये? आपको बता दें कि मोदी सरकार राफेल डील (Rafale Deal) में द हिंदू के पहले खुलासे से उबर भी नहीं पाई थी कि दूसरा मामला सामने आ गया. द हिंदू की नई रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने राफेल सौदे (Rafale Deal) में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई वाला क्लॉज ही हटा दिया. इसके बाद कांग्रेस (Congress) फिर हमलावर हो गई.
केन्द्र सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार विरोधी प्रावधान को समाप्त कर दिया था- द हिन्दू अंग्रेजी अख़बार का राफेल में आज का नया विस्तृत रहस्योदघाटन फिर भी नो प्राब्लम। बीजेपी व आरएसएस वालों के लिये चौकीदार का महत्त्च है उसकी ईमानदारी का नहीं। 1/2
— Mayawati (@SushriMayawati) February 11, 2019
'द हिंदू' में छपी ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक भ्रष्टाचार से लड़ने का दावा करने वाली सरकार ने भ्रष्टाचार पर कार्रवाई वाला क्लॉज ही हटा दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक सौदे पर दस्तखत से कुछ ही दिन पहले भारत सरकार ने फ्रांसीसी पक्ष को बड़ी रियायत दी. सप्लाई प्रोटोकॉल से कई प्रावधान हटा दिए. इनमें भ्रष्टाचार विरोधी पेनाल्टी के प्रावधान भी हटाए गए. अनुचित प्रभाव, एजेंट या एजेंसी के कमीशन पर पेनाल्टी का प्रावधान हटाया गया. कंपनियों के खाते तक पहुंच का प्रावधान भी हटा दिया गया. द हिंदू के ताजा खुलासे ने राहुल गांधी को राफेल सौदे पर हमले के नए हथियार दे दिए. जबकि बीजेपी प्रधानमंत्री के बचाव में उतरी. हाल के दिनों में ये तीसरा मौका है जब सरकार को सफाई देने की नौबत आई है. पहले सौदे में पीएमओ की समानांतर बातचीत का इल्ज़ाम आया और इसके बाद एक इल्जाम ये आया कि इसकी जांच कर रहे सीएजी राजीव महर्षि सौदे के समय वित्त सचिव थे. यानी ये हितों के टकराव का केस है. साफ है, राफेल विवाद लगातार सरकार का पीछा कर रहा है.
राफेल सौदे में सरकार ने भ्रष्टाचार पर कार्रवाई का क्लॉज ही हटा दिया!
VIDEO : राफेल की कीमत का ऑडिट नहीं
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