
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि पिछले कई सालों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है. उन्होंने यहां पार्टी की विस्तारित कार्य समिति की बैठक में यह भी कहा कि सरदार पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत थी और यह हास्यास्पद है कि आज इस संगठन के लोग सरदार पटेल की विरासत पर दावा करते हैं. खरगे ने यह दावा भी किया कि आज सांप्रदायिक विभाजन के जरिये देश के बुनियादी मसलों से ध्यान भटकाया जा रहा है और सामंती एकाधिकार संसाधनों पर क़ब्ज़ा करते हुए शासन को नियंत्रित करने की राह पर हैं. उन्होंने संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है.
"सरदार वल्लभ भाई पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे"
कार्यसमिति की बैठक का आयोजन यहां 'सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक' पर किया गया. पार्टी के अधिवेशन से एक दिन पहले उन्होंने कहा, 'यह साल महात्मा गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है. दिसंबर 1924 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी मेरे गृह राज्य कर्नाटक के बेलंगाव कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष बने थे. यह शताब्दी समारोह हमने 26 दिसंबर को कर्नाटक में मनाया.'' उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि गुजरात की धरती पर पैदा हुई तीन महान हस्तियां दादा भाई नौरोजी, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे.
उनका कहना था, ' गांधी जी ने हमें अन्याय के खिलाफ सत्य और अहिंसा का हथियार दिया. ये इतना मजबूत वैचारिक हथियार है कि इसके सामने कोई ताकत टिक नहीं सकती. ' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'इसी साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेलजी की 150 वीं जयंती है. जवाहर लाल नेहरू नेहरू जी उनको “भारत की एकता का संस्थापक” कहते थे. उनकी 150 वीं जयंती हम लोग देश भर में पूरे उल्लास से मनाएँगे.' उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई सालों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है.
खरगे ने कहा कि 140 सालों से देश में सेवा और संघर्ष के गौरवशाली इतिहास वाली कांग्रेस पार्टी के खिलाफ वातावरण बनाया जा रहा है. उनका कहना था, 'ये काम वे लोग कर रहे है जिनके पास अपनी उपलब्धियां दिखाने को कुछ भी नहीं है. आजादी की लड़ाई में अपना योगदान बताने को कुछ भी नहीं है.' उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, 'वे सरदार पटेल और पंडित नेहरू के संबंधों को ऐसा दिखाने का षडयंत्र करते हैं जैसे दोनों नायक एक दूसरे के खिलाफ थे. जबकि सच्चाई ये है कि वो एक सिक्के के दो पहलू थे. तमाम घटनाएं और दस्तावेज इनके मधुर संबंधों की गवाह हैं.'
"नेहरू जी से सरदार कितना स्नेह करते थे"
उन्होंने कहा, 'नेहरू जी से सरदार कितना स्नेह करते थे, आप इससे समझ सकते हैं. 14 अक्तूबर 1949 को सरदार पटेल ने कहा था कि पिछले दो कठिन सालों में नेहरूजी ने देश के लिए जो अथक परिश्रम किया है, वो मुझसे अधिक अच्छी तरह कोई नहीं जानता है. मैंने इस दौरान उनको भारी भरकम उत्तरदायित्व के भार के कारण बड़ी तेजी के साथ बूढे होते देखा है.” उन्होंने कहा, 'साथियों, सरदार पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत थी। उन्होंने तो आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन हँसी आती है कि आज उस संगठन के लोग सरदार पटेल की विरासत पर दावा करते हैं.'
खरगे ने इस बात पर जोर दिया, 'सरदार पटेल साहेब हमारे दिलों में बसे हैं, विचारों में बसे हैं. हम उनकी विरासत को आगे बढा रहे हैं.' उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया. खरगे ने कहा, ' कांग्रेस को अपने 140 साल के इतिहास में जिन प्रांतों से सबसे अधिक शक्ति मिली उसमें गुजरात अव्वल है. आज हम फिर से यहां प्रेरणा औऱ शक्ति लेने आए हैं. हमारी असली शक्ति हमारी देश की एकता और अखंडता और सामाजिक न्याय की विचारधारा है.'
"हम सबसे पहले खुद को मज़बूत करें"
उनका कहना था, ' लेकिन आज उस विचारधारा को आगे बढाने के लिए जरूरी है कि हम सबसे पहले खुद को मज़बूत करें. अपने संगठन को मज़बूत करें. ' अधिवेशन को लेकर उन्होंने कहा, 'कल कांग्रेस के अधिवेशन में हमें बहुत सी बातें कहने और सुनने का मौका मिलेगा. पार्टी के समक्ष मौजूद चुनौतियोँ पर बातें करेंगे और भविष्य की राह भी निकालेंगे.'
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