
मध्य प्रदेश के मंडला जिले के निवास कस्बे के वन क्षेत्र में 65 वर्षीय एक स्थानीय कांग्रेस नेता के कंकाल के अवशेष मिले हैं. पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया कि यह व्यक्ति पिछले तीन माह से लापता था. निवास थाना प्रभारी सुरेश सोलंकी ने कहा कि मृतक हरि लाल मरावी पिछले साल अक्टूबर से लापता था और पिछले एक साल से उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी.
उन्होंने कहा कि मरावी के परिवार के सदस्यों को उसके अवशेष बड़हिया तेंदू वन क्षेत्र की झाड़ियों में मिले. परिवार वालों ने उसके कपड़ों और कांग्रेस पार्टी के गमछे के आधार पर उसकी पहचान की. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि वन क्षेत्र में भूख से उसकी मौत हुई और यह भी संभव है कि जंगली जानवर उसके शरीर के अंगों को खा गए हों.
उन्होंने कहा, 'करीब एक साल से मरावी की मानसिक हालत ठीक नहीं थी। पहले भी वह बिना किसी को बताए घर से चला गया था. इस बार भी वह इसी तरह से चला गया और शायद जंगल में रास्ता भटक गया.' सोलंकी ने कहा, 'फॉरेंसिक टीम अवशेषों की जांच करेगी और मौत का सही कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम किया जाएगा.'
उन्होंने बताया कि घटनास्थल से सिर्फ खोपड़ी और पैरों की हड्डियां बरामद हुई हैं. उन्होंने बताया कि मरावी पिछले साल 28 अक्टूबर को लापता हो गया था. एक नवंबर को उसके परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
अधिकारी ने कहा कि मरावी के परिवार के सदस्य उसके लापता होने के बाद से रोजाना अलग-अलग इलाकों में उसकी तलाश कर रहे थे और उन्हें उसका कंकाल मिला. हिरना छपर गांव के सरपंच कांशीराम ने कहा कि मरावी स्थानीय जनपद पंचायत के सदस्य थे और किसान कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष भी थे.
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