सिचाचिन से 9 जवानों के पार्थिव शरीर दिल्ली लाए गए
नई दिल्ली:
सियाचिन ग्लेशियर में बर्फ के तूफान में जान गंवाने वाले नौ सैनिकों के पार्थिव शव पूरे 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना के विमान से दिल्ली लाए गए। दिल्ली में रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग, वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरुप राहा, सह नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल पी मुरुगेसन सहित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पूरे सैनिक सम्मान के साथ विदाई दी गई।
रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि इतनी ऊंचाई पर सरहद की हिफाजत करना हमारी मजबूरी है लेकिन हम छोड़ नहीं सकते क्योंकि पड़ोसी मुल्क पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वहीं मुंबई में एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि 'सियाचिन के सैनिकों पर मुझे फख्र है। हम उन्हें सुरक्षित रखने के लिए कटिबद्ध हैं।' वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता की तरफ से इन वीर जवानों को क्षद्धांजलि देता हूं कि ईश्नर इनकी आत्मा को शांति दें। इन जवानों के पार्थिव शऱीर को उनके घर रवाना कर दिया गया है जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। गौरतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में 20,500 फीट की ऊंचाई पर सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी इलाके में 3 फरवरी को हुए हिमस्खलन में 19 मद्रास रेजिमेंट के 10 सैनिक 35 फुट बर्फ के नीचे फंस गए। बड़ी मुश्किल से 8 फरवरी को एक जवान हनुमंतप्पा को जीवित बाहर निकाला गया। उसके बाद उन्हें दिल्ली में सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
बाकी बचे जवानों के शव नौ फरवरी को निकाल लिए गए। लेकिन खराब मौसम की वजह से वहां से निकलना मुमकिन नहीं था। 19 मद्रास के पूर्व कमांडिग ऑफिसर कर्नल आईपी सिंह ने कहा कि हमारे इन सैनिकों के बलिदान के बदौलत ही देश जान पाया कि सियाचिन में कैसे हमारे जवान सरहद की रखवाली करते है। कर्नल सिंह ने ये भी कहा कि आप अंदाजा लगाइए कि इस पलटन के लोगों ने कभी बर्फ का एक गोला तक नहीं देखा था और आज ये कैसे माइनस 45 डिग्री तापमान में सियाचिन में मोर्चा संभालते हैं।
सेना ने 5 फरवरी को उन 10 सैनिकों के नामों की सूची जारी की जो बुधवार को सियाचिन ग्लेशियर में आए हिमस्खलन की वजह से मारे गए थे :
सूबेदार नागेश टीटी (तेजूर, जिला हासन, कर्नाटक),
हवलदार इलम अलाई एम. (दुक्कम पाराई, जिला वेल्लोर, तमिलनाडु),
लांस हवलदार एस. कुमार (कुमानन थोजू, जिला तेनी, तमिलनाडु),
लांस नायक सुधीश बी(मोनोरोएथुरुत जिला कोल्लम, केरल),
सिपाही महेश पीएन (एचडी कोटे, जिला मैसूर, कर्नाटक),
सिपाही गणेशन जी (चोक्काथेवन पट्टी, जिला मदुरै, तमिलनाडु),
सिपाही राम मूर्ति एन (गुडिसा टाना पल्ली, जिला कृष्णागिरी, तमिलनाडु),
सिपाही मुश्ताक अहमद एस (पारनापल्लै, जिला कुर्नूल, आंध्र प्रदेश)
सिपाही नर्सिग असिस्टेंट सूर्यवंशी एसवी (मस्कारवाडी, जिला सतारा, महाराष्ट्र)।
वहीं, लांस नायक हनुमानथप्पा कोप्पड़, (बेटाडुर, जिला धारवाड़, कर्नाटक) का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि इतनी ऊंचाई पर सरहद की हिफाजत करना हमारी मजबूरी है लेकिन हम छोड़ नहीं सकते क्योंकि पड़ोसी मुल्क पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वहीं मुंबई में एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि 'सियाचिन के सैनिकों पर मुझे फख्र है। हम उन्हें सुरक्षित रखने के लिए कटिबद्ध हैं।' वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता की तरफ से इन वीर जवानों को क्षद्धांजलि देता हूं कि ईश्नर इनकी आत्मा को शांति दें। इन जवानों के पार्थिव शऱीर को उनके घर रवाना कर दिया गया है जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
बाकी बचे जवानों के शव नौ फरवरी को निकाल लिए गए। लेकिन खराब मौसम की वजह से वहां से निकलना मुमकिन नहीं था। 19 मद्रास के पूर्व कमांडिग ऑफिसर कर्नल आईपी सिंह ने कहा कि हमारे इन सैनिकों के बलिदान के बदौलत ही देश जान पाया कि सियाचिन में कैसे हमारे जवान सरहद की रखवाली करते है। कर्नल सिंह ने ये भी कहा कि आप अंदाजा लगाइए कि इस पलटन के लोगों ने कभी बर्फ का एक गोला तक नहीं देखा था और आज ये कैसे माइनस 45 डिग्री तापमान में सियाचिन में मोर्चा संभालते हैं।
सेना ने 5 फरवरी को उन 10 सैनिकों के नामों की सूची जारी की जो बुधवार को सियाचिन ग्लेशियर में आए हिमस्खलन की वजह से मारे गए थे :
सूबेदार नागेश टीटी (तेजूर, जिला हासन, कर्नाटक),
हवलदार इलम अलाई एम. (दुक्कम पाराई, जिला वेल्लोर, तमिलनाडु),
लांस हवलदार एस. कुमार (कुमानन थोजू, जिला तेनी, तमिलनाडु),
लांस नायक सुधीश बी(मोनोरोएथुरुत जिला कोल्लम, केरल),
सिपाही महेश पीएन (एचडी कोटे, जिला मैसूर, कर्नाटक),
सिपाही गणेशन जी (चोक्काथेवन पट्टी, जिला मदुरै, तमिलनाडु),
सिपाही राम मूर्ति एन (गुडिसा टाना पल्ली, जिला कृष्णागिरी, तमिलनाडु),
सिपाही मुश्ताक अहमद एस (पारनापल्लै, जिला कुर्नूल, आंध्र प्रदेश)
सिपाही नर्सिग असिस्टेंट सूर्यवंशी एसवी (मस्कारवाडी, जिला सतारा, महाराष्ट्र)।
वहीं, लांस नायक हनुमानथप्पा कोप्पड़, (बेटाडुर, जिला धारवाड़, कर्नाटक) का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
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