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This Article is From Jun 13, 2019

AN-32 विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले वायुसेना कर्मियों का शव बरामद, ब्लैक बॉक्स भी मिला

वायुसेना (Indian Air force) के एएन-32 (AN-32) विमान का मलबा मिलने के एक दिन बाद दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी 13 वायुसेना कर्मियों का शव बरामद कर लिया गया है. इसके अलावा इस ट्रांसपोर्ट विमान का ब्लैक बॉक्स भी खोज लिया गया है.

AN-32 विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले वायुसेना कर्मियों का शव बरामद, ब्लैक बॉक्स भी मिला
विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी वायुसेना कर्मियों का शव बरामद कर लिया गया है.
नई दिल्ली:

वायुसेना (Indian Air force) के एएन-32 (AN-32) विमान का मलबा मिलने के एक दिन बाद दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी 13 वायुसेना कर्मियों का शव बरामद कर लिया गया है. इसके अलावा इस ट्रांसपोर्ट विमान का ब्लैक बॉक्स भी खोज लिया गया है. एयरफोर्स ने गुरुवार सुबह पुष्टि की थी कि दुर्घटना में कोई जीवित नहीं बचा है. 15 सदस्यीय बचाव दल, पर्वतारोहियों और विशेष बलों ने शवों को घने जंगलों से बरामद किया, जहां विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. अधिकारियों ने कहा कि इलाके से शवों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जाएगा. 

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13 IAF कर्मियों की पहचान विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्क्वॉड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर थापा, फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहंती, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एमके गर्ग, वारंट ऑफिसर केके मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार एस, कॉर्पोरल शेरिन एनके, लीड एयरक़्राफ़्ट मैन एसके सिंह, लीड एयरक़्राफ़्ट मैन पंकज, असैन्य कर्मचारी पुतली और असैन्य कर्मचारी राजेश कुमार के रूप में की गई है. विमान के ब्लैक बॉक्स, जिसमें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर शामिल हैं, को भी खोज लिया गया है. अब इससे ठीक-ठीक अंदाज़ा लग सकेगा कि विमान हादसे का शिकार क्यों हुआ. बता दें कि रूस निर्मित एएन-32 विमान असम के जोरहाट से 3 जून को चीन की सीमा के निकट मेंचुका एडवांस्ड लैंडिग ग्राउंड जा रहा था. उसके उड़ान भरने के 33 मिनट बाद ही दोपहर एक बजे उससे संपर्क टूट गया. 

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1986 में एयरफोर्स में हुआ था शामिल
रूस निर्मित एएन-32 (AN-32) परिवहन विमान को 1986 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था. वर्तमान में, भारतीय वायुसेना 105 विमानों को संचालित करती है जो ऊंचे क्षेत्रों में भारतीय सैनिकों को लैस करने और स्टॉक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसमें चीनी सीमा भी शामिल है. 2009 में भारत ने 400 मिलियन का कॉन्ट्रैक्ट यूक्रेन के साथ किया था जिसमें एएन-32 की ऑपरेशन लाइफ को अपग्रेड और एक्सटेंड करने की बात कही गई थी. अपग्रेड किया गया एएन-32 आरई एयरक्राफ्ट 46 में 2 कॉन्टेमपररी इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर्स शामिल किए गए हैं. लेकिन एएन-32 को अब तक अपग्रेड नहीं किया गया था.

VIDEO: लापता विमान An-32 में कोई नहीं बचा

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