विधानसभा स्पीकर उम्मीदवार एस सुरेश कुमार (फाइल फोटो)
बेंगलुरु:
कर्नाटक में सियासी रोमांच अभी खत्म नहीं हुआ है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का फ्लोर टेस्ट तो होगा ही, मगर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की ओर से विधानसभा स्पीकर के उम्मीदवार रमेश कुमार के टक्कर में बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से सरकार छोड़ने वाली बीजेपी ने के सुरेश कुमार को स्पीकर का उम्मीदवार बना कर जेडीएस, कांग्रेस सरकार के सामने चुनौती पेश की है. यानी कि पहले सीएम की कुर्सी के लिए रसाकस्सी चली थी, मगर अब बीजेपी ने अपनी दावेदारी ठोकर स्पीकर पद के चुनाव को भी रोमांचक बना दिया है.
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एस सुरेश कुमार कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता हैं. सुरेश कुमार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में राजाजीनगर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक के रूप में जीत दर्ज कर चुके हैं. उन्हें 1994 और 1999 में आदर्श विधायक के रूप में भी सम्मानित किया जा चुका है. सुरेश कुमार को प्रशासनिक अनुभव भी है. क्योंकि येदियुरप्पा सरकार में वह कानून, शहरी विकास और संसदीय मामलों के मंत्री भी रह चुके हैं.
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सुरेश कुमार ने भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख बी . एस . येदियुरप्पा के और अन्य नेताओं के निर्देश पर नामांकन पत्र दाखिल किया है. उनका कहना है कि संख्या बल और कई अन्य कारकों के आधार पर हमारी पार्टी के नेताओं को विश्वास है कि मैं जीतूंगा. इसी विश्वास के साथ मैंने नामांकन दाखिल किया है.
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बेंगलुरु में से पले बढ़े सुरेश कुमार जब युवा थे, तब से वह राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े रहे हैं. वे बेंगलुरु यूनिवर्सिटी से विज्ञान से ग्रेजुएट हैं. अपातकाल के दौरान वह जेल भी जा चुके हैं. इमरजेंसी के दौरान बेंगलुरु जेल में उनकी मुलाकात कई बड़े नेताओं से हुई. जेल से निकलने के बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई की और 1981 में उन्होंने वकालत को अपना करियर चुना.
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