कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार और राज्य के अन्य मंत्रियों ने हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े वीडियो के पेन ड्राइव वितरित करने में अपनी भूमिका के आरोपों को शनिवार को खारिज कर दिया. वीडियो लीक होने के मामले में आरोपी और गिरफ्तारी के बाद हिरासत में भेजे गए भाजपा नेता व वकील जी. देवराजे गौड़ा ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि पेन ड्राइव बांटने में शिवकुमार और चार अन्य मंत्रियों का हाथ था. देवराजे ने आरोप लगाया कि उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है क्योंकि वह उनकी योजना का हिस्सा बनने के लिए तैयार नहीं हुए.
► डिप्टी सीएम का पलटवार
यहां पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, 'बेहतर होगा, वह (गौड़ा) लोकायुक्त या किसी अन्य एजेंसी के समक्ष मामला दायर करें. मुझे लगता है कि उन्हें मानसिक तौर पर कुछ समस्याएं हैं. मुझे बहुत खेद है, राष्ट्रीय और राज्य मीडिया को ऐसे निराधार आरोपों को नहीं उठाना चाहिए था. जो व्यक्ति जेल में है, वह ऐसे आरोप कैसे लगा सकता है? ये सब बेबुनियाद है. मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.”
► पेन ड्राइव मामले में शिवकुमार का हाथ है
उल्लेखनीय है कि हासन में अदालत से ले जाते समय, गौड़ा ने शुक्रवार को मीडिया से बात की और आरोप लगाया कि पेन ड्राइव मामले में शिवकुमार का हाथ है, और इस मामले की देखरेख के लिए चार मंत्रियों - एन. चालुवरायस्वामी, कृष्णा बायरे गौड़ा, प्रियांक खरगे और एक अन्य मंत्री की एक टीम बनाई गई थी.
► पीएम मोदी को बदनाम करने की साजिश
गौड़ा ने कहा कि भाजपा, प्रधानमंत्री मोदी और कुमारस्वामी को बदनाम करने के इरादे से यह सब किया गया. मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि गौड़ा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के तीन जिम्मेदार मंत्री एक टीम का हिस्सा थे और यह एक साजिश थी. उन्होंने कहा, 'हम चर्चा करेंगे, जो भी कानूनी रास्ता निकलेगा, हम अमल करेंगे.'
► जांच की मांग
खरगे ने कहा, 'देवराजे गौड़ा शायद शिवकुमार और सिद्धरमैया को बदनाम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. अगर उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश गई थी, तो उन्हें अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) को बताना चाहिए था और इसकी जांच करानी चाहिए थी. वह सीबीआई, ईडी या आईटी छापे पड़वा सकते थे. उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? दावा किया गया है कि उन्हें (गौड़ा को) एक क्लब में अग्रिम राशि के रूप में 5 करोड़ रुपये भेजे गए थे, उन्हें सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने दें और देखें कि वहां कौन-कौन थे.” मंत्री चालुवरायस्वामी ने भी आरोपों को निराधार बताया.
उन्होंने कहा, “अगर गौड़ा यह साबित कर दें कि चालुवरायस्वामी, प्रियांक खरगे और कृष्णा बायरे गौड़ा ने इस मामले पर एक बैठक की थी और हमें एक टीम के रूप में जिम्मेदारी दी गई थी और हम इस मामले में शामिल थे, तो मैं माफी मांगने के लिए तैयार हूं.”
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं