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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में AAP-कांग्रेस को झटका, BJP की हरप्रीत बबला चुनी गईं मेयर

चंडीगढ़ चुनाव में क्रॉस वोटिंग की भी बात सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि AAP और कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने बीजेपी के लिए वोट किया है.

बीजेपी ने जीता चंडीगढ़ मेयर चुनाव

चंडीगढ़:

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जीत दर्ज की है. जीत के साथ ही बीजेपीकी हरप्रीत कौर बबला मेयर चुनी गई हैं. सूत्रों के अनुसार इस मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग भी की है. इस चुनाव में बीजेपी को कुल 19 वोट मिले हैं. जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को कुल 17 वोट मिले. आपको बता दें कि कुल 36 वोट पड़े थे. कांग्रेस के जसबीर बंटी  चंडीगढ़ के नए सीनियर डिप्टी मेयर बने हैं. जसबीर बंटी ने बीजेपी की उम्मीदवार बिमला दुबे को हराया है.

तीन पार्षदों ने किया क्रॉस वोट

बीजेपी के कुल 16 पार्षद हैं, ऐसे में आम आदमी पार्टी-कांग्रेस के तीन पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की है. अगर बात चंडीगढ़ नगर निगम में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों की संख्या की करें तो ये 13 और 6 है. बताया जा रहा है कि वोटिंग के दौरान सदन में कुल 35 पार्षद मौजूद थे. 

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के पूर्व जज को बनाया था पर्यवेक्षक

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जय श्री ठाकुर को स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. कोर्ट ने उस दौरान कहा था कि इस बार हम चंडीगढ़ मेयर पद के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेंगे. SC ने 30 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव के लिए स्वतंत्र पर्यवेक्षक की नियुक्ति किया था और इच्छा जताई थी कि इस बार चुनाव निष्पक्ष हों.

चंडीगढ़ के मेयर कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके कहा था कि चुनाव की तारीख 20 फरवरी होनी चाहिए. उन्होंने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 20 फरवरी को ही विजेता घोषित किया था. इसलिए वे एक साल के कार्यकाल के हकदार हैं.

पिछले साल कोर्ट ने जारी किया था नोटिस

खास बात ये है कि पिछले साल 20 फरवरी को  चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया था. सुप्रीम कोर्ट ने फिर से  मतों की गणना करने के आदेश दिए थे. 8 अमान्य करार बैलेट मान्य करार दिए गए थे.बैलेट पेपर देखने और वीडियो देखने के बाद SC ने लिया फैसला. ⁠साथ ही रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह को फटकार लगाते हुए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था.

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