नई दिल्ली:
लालकृष्ण आडवाणी समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और नियंत्रण रेखा पर भारत के पांच सैनिकों की हत्या के मुद्दे पर रक्षा मंत्री एके एंटनी बयान पर गहरी आपत्ति व्यक्त की और इस गंभीर मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने की मांग की।
बांग्लादेश के साथ सीमा भूमि समझौते के बारे में प्रधानमंत्री ने भाजपा नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित किया था। बैठक के दौरान आडवाणी के अलावा भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली भी मौजूद थे। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री के साथ करीब एक घंटे तक चली बैठक में भाजपा नेताओं ने रक्षा मंत्री के बयान के मुद्दे को उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारी हथियारों से लैस 20 आतंकवादियों ने, जिनमें से कुछ पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने हुए थे, भारतीय चौकी को निशाना बनाया जिसमें पांच भारतीय सैनिक मारे गए।
भाजपा नेताओं ने एंटनी के बयान पर अप्रसन्नता व्यक्त की और इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने की अपनी मांग पर कायम रहे।
समझा जाता है कि भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री से पूछा कि रक्षा मंत्री का रुख पाकिस्तान के प्रति नरम क्यों है? और सरकार ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर लापरवाही क्यों बरत रही है? संसद में लिए गए अपने रुख पर कायम रहते हुए भाजपा नेताओं ने जानना चाहा कि रक्षा मंत्री और सेना के बयान में विरोधाभास क्यों है? उन्होंने यह भी सवाल किया कि नियंत्रण रेखा पर भारत के पांच सैनिकों की हत्या किए जाने के बाद भी पाकिस्तान को क्लीनचिट देने की सरकार की क्या मजबूरी है? भाजपा ने बांग्लादेश सीमा भूमि समझौते पर अपने विरोध से भी सरकार को अवगत कराया और कहा कि भारत को इस दौरान प्राप्त होने वाली जमीन से अधिक भूमि देनी पड़ेगी।
बांग्लादेश के साथ सीमा भूमि समझौते के बारे में प्रधानमंत्री ने भाजपा नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित किया था। बैठक के दौरान आडवाणी के अलावा भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली भी मौजूद थे। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री के साथ करीब एक घंटे तक चली बैठक में भाजपा नेताओं ने रक्षा मंत्री के बयान के मुद्दे को उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारी हथियारों से लैस 20 आतंकवादियों ने, जिनमें से कुछ पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने हुए थे, भारतीय चौकी को निशाना बनाया जिसमें पांच भारतीय सैनिक मारे गए।
भाजपा नेताओं ने एंटनी के बयान पर अप्रसन्नता व्यक्त की और इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने की अपनी मांग पर कायम रहे।
समझा जाता है कि भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री से पूछा कि रक्षा मंत्री का रुख पाकिस्तान के प्रति नरम क्यों है? और सरकार ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर लापरवाही क्यों बरत रही है? संसद में लिए गए अपने रुख पर कायम रहते हुए भाजपा नेताओं ने जानना चाहा कि रक्षा मंत्री और सेना के बयान में विरोधाभास क्यों है? उन्होंने यह भी सवाल किया कि नियंत्रण रेखा पर भारत के पांच सैनिकों की हत्या किए जाने के बाद भी पाकिस्तान को क्लीनचिट देने की सरकार की क्या मजबूरी है? भाजपा ने बांग्लादेश सीमा भूमि समझौते पर अपने विरोध से भी सरकार को अवगत कराया और कहा कि भारत को इस दौरान प्राप्त होने वाली जमीन से अधिक भूमि देनी पड़ेगी।
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