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क्या BJP के तजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी अवैध थी? जानें- क्या हैं दूसरे राज्य में जाकर गिरफ्तारी की गाइडलाइन

तजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया और ऐसे में यह जानें कि दूसरे राज्य में जाकर गिरफ्तार करने के लिए क्या हैं गाइडलाइन?

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

पंजाब पुलिस ने शुक्रवार तड़के पश्चिमी दिल्ली में बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के घर पहुंचकर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया. पंजाब पुलिस ने इस गिरफ़्तारी का कारण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी और भड़काऊ बयानबाज़ी बताया. तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के गिरफ़्तार होने के साथ ही आनन-फानन में दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस भी ऐक्शन में आ गई. हरियाणा पुलिस ने कुरुक्षेत्र में बग्गा को लेकर जा रही पंजाब पुलिस के काफ़िले को रोका और पुलिस लाइन लेकर जाकर पूछताछ में जुट गई. हरियाणा पुलिस की ये पूरी कार्रवाई दिल्ली पुलिस के ये कहने पर हुई कि बग्गा को उनके घर से कुछ लोगों ने जबरन किडनैप कर लिया है. हरियाणा पुलिस ने तुरंत दिल्ली पुलिस को कुरुक्षेत्र बुला लिया और तेजिंदर पाल बग्गा के उसके हवाले कर दिया. दिल्ली पुलिस बग्गा को कुरुक्षेत्र से लेकर दिल्ली आ गई. तजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया और ऐसे में यह जानना चाहिए कि दूसरे राज्य में जाकर गिरफ्तार करने के लिए क्या हैं गाइडलाइन? दिसंबर 2019 में दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए एक आदेश में अंतर-राज्यीय गिरफ्तारी के दिशा-निर्देशों पर एक संक्षिप्त नज़र डालते हैं.

क्या हैं गाइडलाइन?

  1. 'दूसरे राज्य का दौरा करने से पहले, पुलिस अधिकारी को उस स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में उसे जांच करना है. उसे शिकायत/एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) की अनुवादित प्रतियां और अन्य दस्तावेज, राज्य की भाषा में अपने साथ ले जाना चाहिए, जहां वह जाना चाहते हैं.'
  2. 'गंतव्य पर पहुंचने के बाद सबसे पहले पुलिस अधिकारी को सहायता और सहयोग के लिए अपने दौरे के मकसद से संबंधित पुलिस स्टेशन को सूचना देनी चाहिए. संबंधित थाना प्रभारी उसे सभी कानूनी सहायता प्रदान करें.'
  3. 'गिरफ्तार व्यक्ति को राज्य से बाहर ले जाने से पहले उसे अपने वकील से परामर्श करने का अवसर दिया जाना चाहिए.'
  4. 'वापस लौटते समय, पुलिस अधिकारी को स्थानीय पुलिस स्टेशन का दौरा करना चाहिए और डेली डायरी में जानकारी लिखनी चाहिए, जिसमें राज्य से बाहर ले जाए जा रहे व्यक्ति (व्यक्तियों) का नाम और पता लिखा हो, अगर कोई सामान हो तो इसकी जानकारी भी उसमें दी जाए. पीड़ित का नाम भी बताया जाना चाहिए.
  5. 'गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को अगर जरूरत हो तो निकटतम मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड प्राप्त करने की कोशिश की जानी चाहिए और व्यक्ति को मामले के अधिकार क्षेत्र वाले मजिस्ट्रेट के सामने 24 घंटे के भीतर पेश किया जा सकता है.'
  6. 'चूंकि गिरफ्तार व्यक्ति को उसके राज्य से बाहर ऐसे स्थान पर ले जाया जाना है, जहां उसका कोई परिचित न हो, उसे अपने साथ (यदि संभव हो), उसके परिवार के सदस्य/परिचित को अपने साथ रहने की अनुमति दी जा सकती है, जब तक कि उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जए. परिवार का ऐसा सदस्य उसके लिए कानूनी सहायता की व्यवस्था कर सकेगा.'
  7. 'गिरफ्तार व्यक्ति को जल्द से जल्द न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए, यह समय 24 घंटे से ज्यादा का नहीं होना चाहिए. इसमें यात्रा का समय शामिल नहीं होता. ताकि, गिरफ्तारी किए गए युवक और हिरासत को जरूरत पड़ने पर न्यायिक आदेश द्वारा उचित ठहराया जा सके. 24 घंटे की अवधि से ज्यादा किसी व्यक्ति को पुलिस हिरासत में नहीं रखा जा सकता.'
  8. दिल्ली पुलिस का दावा है कि पंजाब पुलिस ने तजिंदर बग्गा को गिरफ्तार करते समय दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया. जबकि पंजाब पुलिस का कहना है कि उन्होंने सभी नियमों का पालन किया है. 
  9. ये दिशानिर्देश दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 2019 में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी पर विवाद के बाद जारी किए गए थ. जहां यह आरोप लगाया गया था कि उन्हें बेंगलुरु में गिरफ्तार किया गया था और बिना किसी ट्रांजिट वारंट के दिल्ली लाया गया था.

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