भोपाल:
मध्य प्रदेश में वित्त मंत्री रहते हुए अपने नौकर का कथित यौन शोषण करने के आरोपी राघवजी के कारनामे से भाजपा को हुए राजनीतिक नुकसान के बाद विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष के उपनेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को अचानक तोड़कर अपनी तरफ मिलाने और बसपा के परसराम मुद्गल को पार्टी में शामिल करने को उसके भरपाई के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषक वीडी मिश्रा ने कहा कि राघवजी ने प्रदेश में भाजपा को इस हद तक शर्मसार कर दिया था कि उससे हुए नुकसान की भरपाई तत्काल जरूरी थी, क्योंकि चार माह बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं और वर्तमान तेरहवीं विधानसभा के इस आखिरी मानसून-सत्र में कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरने के इरादे से अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रखी थी।
राज्य के जिस वित्तमंत्री को विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य सरकार के लिए पहला पूरक बजट पेश करना था, वह यौन शोषण के आरोप में 9 जुलाई को गिरफ्तार होकर न्यायिक हिरासत में जेल चला गया। इससे पहले 5 जुलाई को नौकर राजकुमार दांगी ने राघवजी पर यौन शोषण का आरोप पुलिस थाने में जाकर लगाया और उसी दिन मुख्यमंत्री ने उनसे इस्तीफा मांग लिया। इसके बाद 7 जुलाई को पुलिस में एफआईआर दर्ज होने पर भाजपा ने उन्हें पार्टी से भी बर्खास्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए यह राजनीतिक नुकसान इतना गहरा था कि उससे उबरना बड़ा मुश्किल नजर आ रहा था। इसके अलावा राघवजी के दुष्कृत्य की वीडियो क्लिप भी विभिन्न इलेक्ट्रानिक माध्यमों के जरिये लोगों तक पहुंच रही थी। लोग उनके इस कृत्य को लेकर भाजपा को कोस रहे थे।
राजनीतिक विश्लेषक वीडी मिश्रा ने कहा कि राघवजी ने प्रदेश में भाजपा को इस हद तक शर्मसार कर दिया था कि उससे हुए नुकसान की भरपाई तत्काल जरूरी थी, क्योंकि चार माह बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं और वर्तमान तेरहवीं विधानसभा के इस आखिरी मानसून-सत्र में कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरने के इरादे से अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रखी थी।
राज्य के जिस वित्तमंत्री को विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य सरकार के लिए पहला पूरक बजट पेश करना था, वह यौन शोषण के आरोप में 9 जुलाई को गिरफ्तार होकर न्यायिक हिरासत में जेल चला गया। इससे पहले 5 जुलाई को नौकर राजकुमार दांगी ने राघवजी पर यौन शोषण का आरोप पुलिस थाने में जाकर लगाया और उसी दिन मुख्यमंत्री ने उनसे इस्तीफा मांग लिया। इसके बाद 7 जुलाई को पुलिस में एफआईआर दर्ज होने पर भाजपा ने उन्हें पार्टी से भी बर्खास्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए यह राजनीतिक नुकसान इतना गहरा था कि उससे उबरना बड़ा मुश्किल नजर आ रहा था। इसके अलावा राघवजी के दुष्कृत्य की वीडियो क्लिप भी विभिन्न इलेक्ट्रानिक माध्यमों के जरिये लोगों तक पहुंच रही थी। लोग उनके इस कृत्य को लेकर भाजपा को कोस रहे थे।
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