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This Article is From Dec 25, 2019

झारखंड में क्यों हारी BJP, पार्टी सांसद ने बताई चौंकाने वाली वजह, AJSU के गठबंधन से बाहर होने का कारण भी बताया

भाजपा ने मौजूदा 13 विधायकों का टिकट काटकर दूसरे दलों से आए दो दर्जन से अधिक लोगों पर इस बार भरोसा जताया था. मगर इसमें अधिकांश उम्मीदवार हार गए.

झारखंड में क्यों हारी BJP, पार्टी सांसद ने बताई चौंकाने वाली वजह, AJSU के गठबंधन से बाहर होने का कारण भी बताया
भाजपा सांसद ने झारखंड में हार पर चौंका देने वाला बयान दिया है.
नई दिल्ली:

झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections) में भाजपा (BJP) की हार के बाद पार्टी के कई नेता निराश हैं. वे पार्टी को अभी से 2024 के चुनाव की तैयारी में जुटने की भी नसीहत दे रहे हैं. इस बीच राज्य की गोड्डा सीट से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने चौंकाने वाला बयान दिया है. निशिकांत दुबे ने साफ शब्दों में कहा है कि अपनों से ज्यादा बाहरियों पर भरोसा करने से पार्टी चुनाव हारी है. उन्होंने पार्टी हाईकमान को ईमानदार बताते हुए उम्मीद जाहिर की है कि आगे सब अच्छा होगा.  

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फेसबुक पोस्ट में दुबे ने लिखा है, "जो झारखंड का चुनाव विश्लेषण कर रहे हैं, मुझे लगता है कि वे सभी जल्दबाजी कर रहे हैं. भाजपा के बागियों के कारण या कार्यकर्ताओं के आकलन के कारण हम हारे हैं. दूसरी पार्टी से आए लोगों पर हमने ज्यादा भरोसा किया. चतरा से सत्यानन्द भोक्ता, लातेहार से बैद्यनाथ राम, बहरागोडा से समीर मोंहती, बरही से उमाशंकर अकेला, बरकट्टा से अमित यादव व जमशेदपुर पूर्वी से सरयू राय आदि की जीत इसका उदाहरण है."

गौरतलब है कि बरकट्ठा सीट पर भाजपा के बागी अमित यादव ने 24 हजार से ज्यादा वोटों से भाजपा प्रत्याशी जानकी यादव को हराया. जानकी यादव झाविमो से भाजपा में आए थे. इस सीट से जब अमित यादव को टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय मैदान में उतर गए. 

इसी तरह बहरागोड़ा सीट पर भाजपा के बागी समीर मोहंती ने 60,565 वोटों से जीतकर टिकट न देने के फैसले को गलत साबित कर दिखाया. भाजपा ने समीर मोहंती को नजरअंदाज कर दूसरे दल से आए कुनाल सदांगी पर भरोसा जताया था. पार्टी ने मौजूदा 13 विधायकों का टिकट काटकर दूसरे दलों से आए दो दर्जन से अधिक लोगों पर इस बार भरोसा जताया था. मगर इसमें अधिकांश उम्मीदवार हार गए.

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दुबे ने चुनाव से पहले आजसू से गठबंधन टूट जाने पर भी हैरानी जाहिर की है. उन्होंने हार से जुड़ी अपनी रिपोर्ट में कहा है, "आजसू किन कारणों से बाहर हुआ यह एक पहेली है. सुदेश महतो जी मेरे अच्छे मित्र हैं और सुलझे इंसान हैं. लड़ाई के कारण उन्होंने अपनी सबसे मजबूत सीट रामगढ़ तक गंवा दी. कुछ इंतजार करिए. पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व हमारा सबसे मजबूत व ईमानदार है. हमारा वोट सुरक्षित है. नई सरकार को शुभकामनाएं. 2024 की लड़ाई के लिए आज से तैयारी शुरू." 

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