पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं, इस बार उन्होंने महात्मा गांधी पर निशाना साधते उनके स्वतंत्रता आंदोलन को 'ड्रामा' करार दिया है. उन्होंने यह सवाल भी किया कि भारत में 'ऐसे लोगों' को 'महात्मा' कैसे कहा जाता है. बेंगलुरु में शनिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए कि पूरे स्वतंत्रता आंदोलन को अंग्रेजों की सहमति और समर्थन के साथ स्टेज किया गया. साथ ही उन्होंने कहा, 'इनमें से किसी भी तथाकथित नेता को पुलिस ने नहीं पीटा. इनका स्वतंत्रता आंदोलन एक बड़ा ड्रामा था. इसका मंचन अंग्रेजों की मंजूरी के साथ किया गया. यह वास्तविक लड़ाई नहीं थी.' उन्होंने महात्मा गांधी की भूख हड़ताल और सत्याग्रह को भी 'ड्रामा' करार दिया है.
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि भारत को भूख हड़ताल और सत्याग्रह की वजह से आजादी मिली है. यह सच नहीं है. अंग्रेजों सत्याग्रह की वजह से देश छोड़कर नहीं गए थे. अंग्रेजों ने परेशान होकर आजादी दी थी. इतिहास पढ़ने पर मेरा खून खौलता है. ऐसे लोग हमारे देश में महात्मा बन जाते हैं.'
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बता दें, अनंत कुमार हेगड़े अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं. कुछ महीने पहले उन्होंने एक बयान देकर अपनी ही पार्टी भाजपा के लिए मुसिबत खड़ी कर दी थी. उन्होंने दावा किया था कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ने रात में जिस तरह एनसीपी नेता अजित पवार को मिलाकर सुबह राज्य में सरकार बनाई थी, उसके पीछे 40 हजार करोड़ रुपया था. उन्होंने कहा था कि फडणवीस ने राज्य के खजाने से चालीस हजार करोड़ रुपया का निकाल कर केंद्र को दे दिया. बीजेपी सांसद ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस 80 घंटे सीएम रहे थे और इतने ही घंटे में उन्होंने यह काम किया.
साथ ही हेगड़े ने कहा था, 'आपको पता है कि हमारे आदमी 80 घंटे के लिए महाराष्ट्र में सीएम बना था. इसके बाद फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने यह ड्रामा क्यों किया था? क्या हमें पता नहीं था कि हमारे पास बहुमत नहीं है फिर भी वह मुख्यमंत्री बने. यह सवाल हर कोई पूछता है. मुख्यमंत्री के पास करीब 40 हजार करोड़ रुपये थे. अगर Congress-NCP और शिवसेना सत्ता में आ जाते तो वे इन पैसों का गलत इस्तेमाल करते. यह सब केंद्र का पैसा था और इसका इस्तेमाल राज्य के विकास में नहीं होता. यह सब कुछ बहुत पहले तय कर लिया गया था. इसलिए यह ड्रामा रचा गया. फडणवीस ने शपथ लेते ही 15 घंटे के अंदर सारा पैसा केंद्र को भेज दिया'.
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