
बिहार में NDA गठबंधन से JDU बाहर निकलने वाली है, इसकी सूचना बीजेपी को भी थी. लेकिन बावजूद इसके बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार को ना तो रोकने की कोशिश की और ना ही मनाने की. बीजेपी के बड़े नेता सोमवार से ही इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए थे. हालांकि सूत्रों से ऐसी जानकारी भी मिल रही थी कि सोमवार की शाम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार से फोन पर बात की थी लेकिन इसके बावजूद भी वो उनका फैसला बदल नहीं सके. NDTV से खास बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बीजेपी गठबंधन के धर्म का पालन कर रही है. हमने तो नीतीश कुमार को तब भी राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जब उनके पास सिर्फ 36 सीटें थी और हमारे 63 विधायक थे.
सूत्रों के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने नीतीश को कई बार नाराज किया. फिर भी नीतीश गठबंधन में बने रहे. लेकिन जब महाराष्ट्र में शिवसेना और महाअघाड़ी की सरकार को गिराय गया, तब से ही नतीशी कुमार को लगने लगा कि बीजेपी बिहार में भी महाराष्ट्र की तरह ही कुछ कर सकती है.
बता दें कि बिहार की सियासत में हुए बड़े बदलाव के अंतर्गत नीतीश कुमार (Nitish Kumar)ने आज बीजेपी के साथ रिश्ते तोड़ने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि उन्हें सात दलों के 'महागठबंधन' के प्रमुख के रूप में सीएम पद के लिए नामित किया जाए जिसमें तेजस्वी यादव की आरजेडी ओर अन्य विपक्षी पार्टियां हैं.राज्यपाल फागू चौहान के साथ आज अपनी दूसरी बैठक के बाद नीतीश ने कहा, "सात पार्टियों का महागठबंधन और एक निर्दलीय एक साथ काम करेगा." राज्यपाल के साथ पहली मुलाकात में उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया था. इसके एक घंटे से भी कम समय बाद वे फिर राज्यपाल से मिले, इस बार उनके साथ तेजस्वी यादव व अन्य विपक्षी नेता थे. उन्होंने अपनी संयुक्त ताकत के आधार पर नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने का दावा पेश किया. इससे पहले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. मंगलवार सुबह जेडीयू विधायकों और सांसदों की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था. इसके बाद आरजेडी-कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर उनके फिर से सरकार बनाने के कयास पुख्ता हो गए थे.
राजनीतिक गहमागहमी से भरे दिन में आज नीतीश मंगलवार दोपहर करीब 3.45 बजे राज्यपाल फागू चौहान से मिलने के लिए निकले. उन्होंने मुख्यमंत्री आवास से करीब 500 मीटर दूर राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और अपना त्यागपत्र सौंप दिया. नीतीश जब राजभवन पहुंचे तो उसके बीच समर्थकों की भारी भीड़ 'जिंदाबाद' के नारे लगा रही थी. नीतीश कुमार बाद में तेजस्वी यादव से मिलने के लिए बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास के लिए निकल गए. सूत्रों के अनुसार, राबड़ी देवी के घर से निकलने के बाद तेजस्वी और नीतीश कुमार साथ-साथ बाहर आए. इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल, लेफ्ट पार्टी और कांग्रेस के विधायक सीएम आवास पर पहुंचे. जहां नए गठबंधन के विधायक दलों की बैठक शुरू हुई. इसमें नीतीश कुमार को महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया. जेडीयू की विधायक दल की बैठक में नीतीश ने बीजेपी पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया. साथ ही उनकी पार्टी तोड़ने की तोहमत भी मढ़ी.बता दें, वर्ष 2017 तक आरजेडी के तेजस्वी यादव और उनके भाई तेज प्रताप यादव, नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री थे.
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